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अपने पति एवं पुत्र से पूर्व मरनेवाली नारी के प्रथम श्राद्ध के कृत्यों पर। रत्नाकर पर आधारित । नो० न्यू० (१, पृ० १०० ) । चन्दनधेनूत्सर्गपद्धति - नवद्वीप के रत्ननाथ भट्टाचार्य द्वारा । नो० न्यू० (१, पृ० १०१ ) ; पाण्डु० तिथि १७६५ ई० ।
धर्मशास्त्र का इतिहास
चन्द्रकमलाकर ।
चन्द्रकलिका ।
चन्द्रनिवन्ध निर्णयदीपक में उ० ।
चन्द्रप्रकाश नि० सि०, नन्दपण्डित की श्राद्धकल्पलता,
भट्टोज द्वारा व० । १५७० ई० के पूर्व । चन्द्रस्मृति - निर्णयदीपक में व० । चन्द्रोदय - नि० सि० में व० (सम्भवतः पृथ्वीचन्द्रोदय या आचारचन्द्रोदय ) । चमत्कारचिन्तामणि - नारायण भट्ट द्वारा (बनारस से प्रका०, १८७०); आचारमयूख एवं समयमयूख द्वारा व० टी० मिताक्षरा ! टी० अन्वयार्थ दीपिका, धर्मेश्वर द्वारा। टी० नारायण द्वारा । चमत्कारचिन्तामणि - राजर्षिभट्ट द्वारा (जैसा कि नि० सि० का कथन है)। यह फलितज्योतिष पर है। १५५० ई० के पूर्व । पाण्डु० की तिथि सं० १६५७ ( १६००-१६०१ ई० ) । चमत्कारचिन्तामणि वैद्यनाथ द्वारा ब्राह्म ( गर्भाधान आदि ) एवं दैव ( पाकयज्ञ आदि ) नामक दो प्रकार के संस्कारों पर; गर्भावात एवं अन्य संस्कारों के मुहूर्ती एवं मलमासकृत्याकृत्य पर उ० कॉ० (सं० ११२, १८९५-१९०२, सं० १७१९ में प्रतिलिपि) ।
चलाचलमूर्तिप्रतिष्ठा ।
चला -- (बौधायन के अनुसार ) । दे० वी० बी० आर० ए० एस० (जिल्द २, पृ० २४३ ) 1 चलार्चापद्धति - अनन्तदेव द्वारा । चलाचपद्धति - नारायणकृत; गृह्यपरिशिष्ट, त्रिवि - क्रमपद्धति, कालादर्श, पुरुषार्थबोध, शारदातिलक एवं बोपदेव पर आधुत । १४५० ई० के उपरान्त ।
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चाणक्यनीति क्रेस्लर द्वारा सम्पादित । चाणक्यनीति -- ( या चाणक्यराजनीति या चाणक्यशतक) । ६६० श्लोकों में एक वृद्ध चाणक्य भी है, लघु- चाणक्य भी है। चाणक्यनीतिवर्षण -- गजानन कृत । चाणक्यनीतिसारसंग्रह - १०८ श्लोकों में। इसमें आया
है -- मूलमंत्र प्रवक्ष्यामि चाणक्येन यथोदितम् ।' चाणक्य राजनीतिशास्त्र - कलकत्ता ओ० सी० (सं० २, १९२१ ) में प्रका० ।
चाणक्यसप्तति ।
चाणक्यसारसंग्रह |
चाणक्यसूत्र -- डा० शामशास्त्री के संस्करण में कौटिलीय के अन्त में मुद्रित । चातुराश्रम्यधर्मश्रीकण्ठायन द्वारा । चातुर्मास्यकारिका - गोपाल द्वारा । चातुर्वर्ण्य धर्मसंग्रह ।
चातुर्वण्यं विचार - गंगादत्त द्वारा । चातुर्वण्यविवरण -- गंगाधर द्वारा । चातुर्वर्ण्यविवेचन - धरणीवर द्वारा । चारायणीयगृह्यपरिशिष्ट - हेमाद्रि द्वारा व० । चारचर्या -क्षेमेन्द्र द्वारा (काव्यमाला सी० में प्रका० ) । चारचर्या --- भोजराज द्वारा । चूडाकरणकेशान्तौ ।
चूडाकर्म- दत्तपण्डित द्वारा । चूडाकर्मप्रयोग ।
चौलोपनयन --- ( विश्वनाथ की विश्वप्रकाशपद्धति से ) । चौलोपनयनप्रयोग ।
छन्दोगकर्मानुष्ठानपद्धति - भवदेव भट्ट द्वारा । 'छन्दोगपद्धति' ।
दे०
(भाष्य )
छन्दोगगृह्य-दे० 'गोभिलगृह' । टी० हरदत्त द्वारा अनाविला में व० । छन्दोगपद्धति - भवदेव भट्ट द्वारा; दे० प्रक० ७३ । टी० संस्कारपद्धतिरहस्य रामनाथ वृत, शक सं० १५४४ । छन्दोगपरिशिष्ट- हेमाद्रि द्वारा व० । टी० रुद्रघर के
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