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पारन का इतिहास महेश, स्मृतिविवेक आदि की चर्चा है। दे० महादेवी विश्वासदेवी के आश्रय में विद्यापति द्वारा। नो०, जिल्द ६, पृ० ४४।
गोविन्दानन्द एवं रघुनन्दन (प्रायश्चित्ततत्व में) सयाषिकमासविकृति-गणेशदत्त द्वारा।
द्वारा व०। लग० १४००-१४५० ई०। गंगायात्रा, ओमप्रकाश--क्षेमवर्मा द्वारा; विक्रम १५६८ (१५१२ गगापूजा एवं गंगास्नान के फल का वर्णन है।
ई० ) में वीरसिंहपुर में (जहाँ वह शासक था) गणपतितत्त्वविवेक। प्रणीत। आचार, विष्णुपूजा, शिवपूजा, दान, गणेशपति-सोमेश्वर के पुत्र द्वारा (अलवर, सं० उत्सर्ग, व्रत पर। पाण्ड० सं० १५८२ (१५२६ १३०९)। ई.) में वोरसिंहदेव के शासनकाल में उतारी गयी। गणेशविशिनी-कुण्डमण्डपसिद्धि में व०। दे० स्टीन, पृ० ३०५।
गणेशशान्ति। मौरनिर्णय--(या दर्पण) गंगाधर के पुत्र द्वारा। गदाधरपद्धति--- (आचारसार) बिब्लि० इण्डि. जागविवाह-बडोदा, सं० ११४२।
सीरीज। सादिरगृह्मा---(मैसूर में प्रकाशित, एस्. बी. ई०, गवल--प्रायश्चित्तमयूख में व.। जिल्द २९ द्वारा अनूदित) गोभिलगृह्य से बहुत गचविष्ण--निर्णयसिन्ध में व०। मिलता है। टो० मखवाट के वासी नारायण मचव्यास--जीमतवाहन के कालविवेक में व०। के पुत्र रुद्रस्कन्द द्वारा।
गन्धर्वप्रयोग-स्टीन, पृ० ८७ । साहिरगृह्यकारिका-वामन द्वारा।
गभस्तिस्मृति-अपरार्क, स्मृतिचन्द्रिका, हेमाद्रि द्वारा खेटपीठमाला-आपदेव द्वारा। गंगास्यविवेक--मिथिला के राजा रामभद्रदेव के लिए गयावासनिबन्ध-भट्टोजिद्वाराव० । १६०० ई० के पूर्व ।
वर्षमान द्वारा। सन् १४५०-१५०० ई० में। गयानुष्ठामपति-नारायण भट्ट के ग्रन्थ त्रिस्थलीनंगाधरपति--गगाधर द्वारा (स्टीन, पृ० ८७); सेतु का अंश।
रुद्रकल्पद्रुम में व० (बी० बी० आर० ए० एस०, मयानुष्ठानपद्धति--(गयापद्धति) रघुनन्दन द्वारा। जिल्द २, पृ. २२६)।
दे० 'गथापद्धति। गंगाभक्तितरंगिणी-धारेश्वर के पुत्र गणपति द्वारा। गयापद्धति-अनन्तदेव द्वारा।
३ अध्यायों में। इनका कयन है कि मिथिला के प्रयापति-रामेश्वरात्मज माधव के पुत्र रघुनाथ राजा नान्य ने इनके पितामह को वृत्ति दी थी। द्वारा। सन् १५५०-१६२५ ई० के बीच । नो० (जिल्द ५, पृ० १८३)। पाण्डु० की तिथि गयापडतिदीपिका--प्रभाकर द्वारा। स० १७६६ (१७१० ई.)।
गयाप्रकरण--नारायण के 'त्रिस्थलीसेतु' से। गंगाभक्सितरंगिणी-चतुर्भुजाचार्य द्वारा। गयाप्रकाश-नो० न्यू० (जिल्द १, पृ० ८४)। गंगाभक्तिप्रकाश-हरिनन्दन द्वारा। सं० १८५२ गयाप्रयोग-वाचस्पति मिश्र द्वारा। (१७९५-९६) में।
गयायात्राप्रयोग-मणिराम दीक्षित द्वारा। गंगामक्तिरसोदय-शिवदत्त शर्मा द्वारा।
गयावाराणसीपयति। गंगामृत--रघुनन्दन एवं गंगाकृत्यविवेक में वर्षमान गयावाहपति। द्वारा व.।
गयाधावपति--उद्धवद्विवेदी के पुत्र अनन्तदेव द्वारा। मंगावाश्यावली--भवसिंह-देवसिंह-शिवसिंह के वाजसनेयियों के लिए।
मशन मिथिला के राजा पसिंह की रानी गयाधायपाति-रघुनन्दन द्वारा। दे० प्रा० १०२।
व०।
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