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गमाभावप्रकरण - मलमासतत्त्व में व० । गयाधायविषि-- गोकुलदेव द्वारा (बड़ोदा, ८६८८ ) । गयाश्राद्धादिपद्धति -- वाचस्पति द्वारा । प्रथम श्लोक में वायु०, गरुड़० एवं कल्पवृक्ष ( अर्थात् कल्पतरु ) का उल्लेख है ।
धर्मशास्त्रीय ग्रन्यसूची
गति -- ( या गृह्यपद्धति) पारस्करगृह्य के लिए स्यालोपाकहोम, बलिदान, पिण्डपितृयज्ञ, श्रवणाकर्म, शूलगव, वैश्वदेव, मासश्राद्ध, चूड़ाकरण, उपनयन, ब्रह्मवारिव्रतानि, सीतायज्ञ, शालाकर्म पर स्थपति गर्ग द्वारा गृह्यकर्मो का एक संग्रह। यह भर्तृयज्ञमत पर आधारित है। पारस्कर गृह्य के गदाधर भाष्य में एवं श्राद्धतत्त्व में व० । इण्डि० आ०, पाण्डु० तिथि सं० १५७५ (१५१९ ई०), दे० पृ० ५१५, संख्या १७३३ । गर्न स्मृति स्मृतिवन्द्रिका, नित्याचारप्रदीप में व० । गर्भाधानावि दशसंस्कारपद्धति-शौनक का कहा गया है । जयन्त का उल्लेख है ।
गागाभट्टपद्धति - गागाभट्ट द्वारा ।
गायत्रीपद्धति-भूगभट्ट द्वारा । गायत्रीपुरश्चरण -- ( या पद्धति) बल्लाल के पुत्र शंकर द्वारा (घोरे की उपाधि ) । इन्होंने शक सं० १६७५ (१७५३ ई० ) में 'व्रतोद्यापनको मुदो' लिखी ।
अलवर, उद्धरण ३०२ । गायत्रीपुरश्चरणविधि - शारदातिलक से ।
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गायत्रीभाष्यनिर्णय अलवर, सं० १३१२, उद्धरण ३०४ ।
गार्गीयपद्धति --- श्राद्धतत्त्व (जिल्द १, पृ० २१३) में ब० । गार्ग्यस्मृति-- विश्वरूप, मिताक्षरा, अपरार्क, स्मृति
च० द्वारा व० ।
गार्हस्थ्यदीपिका -- यज्ञेश के शिष्य त्र्यम्बक द्वारा । गालवस्मृति - स्मृतिच०, कालमाधव द्वारा व० । गुणमञ्जरी - महारंग कुल के काशीराम के पुत्र त्रिपाठी
बालकृष्ण द्वारा । प्रायश्चित्त पर। गुणिसर्वस्व -- रुद्रधर के श्राद्धविवेक में एवं तिथितत्व तथा मलमास में व० । १४०० ई० से पूर्व । गूढदीपिका श्रीनाथ आचार्य द्वारा। उनके कृत्यतत्त्वार्णव में व० ।
गूढार्थदीपिका - वामदेव द्वारा । स्मृतिदीपिका भी देखिए । कृत्यों एवं रीतियों के सन्देहात्मक विषयों
पर ।
गृहपतिष -- विश्वेश्वर द्वारा ।
गायत्रीपुरश्चरण -- शिवराम द्वारा । गायत्रीपुरश्चरण - साम्बभट्ट द्वारा । गायत्रीपुरश्चरणचन्द्रिका - काशीनाथ द्वारा, जो जयराम एवं वाराणसी के पुत्र थे । उपाधि 'भट्ट' थी । गुरु का नाम अनन्त था । अलवर, उद्धरण ६१८ । गायत्रीपुरश्चरणप्रयोग - नारायण भट्ट के पुत्र कृष्णभट्ट द्वारा । सन् १७५७ ई० में प्रणीत । गायत्रीपुरश्चरणविधि-- अनन्तदेव द्वारा ।
गायत्रीपुरश्चरणविधि -- गोवणेन्द्र सरस्वती द्वारा । गायत्रीपुरश्चरणविधि --- गायत्रीपुरश्चरणचन्द्रिका से । गृह्यपदार्थानुक्रम - मंत्रायणीय गृह्यसूत्र के अनुसार
गृह्यकृत्यों से सम्बन्धित विषयों पर एक सारांश । गृह्यपद्धति ।
गृहप्रतिष्ठातत्त्व ।
गृहवास्तु — चंन्द्रचूड़ द्वारा (संस्कारनिर्णय का अंश ) । गृहस्थमुक्ताफल ।
गृहस्थरत्नाकर --- चण्डेश्वर द्वारा । ५८९ पृ० में एक विशाल ग्रन्थ । बिब्लि० इण्डि० द्वारा सन् १९२८ में प्रकाशित । दे० प्रक० ९० ।
गृहस्थकल्पतरु ।
गृह्यकारिका --- (१) आश्वलायनीय, जयन्त द्वारा । (२) Atarrate, areaभापति द्वारा । (३) सामवेदीय, विशाखभट्ट के पुत्र भूवाक द्वारा । गृह्यकारिका - कर्क द्वारा ।
गृह्यकारिका - रेणुक द्वारा । १२६६ ई० में प्रणीत । गृह्यकौमुदी -- गोविन्दार्णव में व० ।
गृह्यतात्पर्यदर्शन -- सुदर्शनाचार्य द्वारा आपस्तम्बगृह्यसूत्र
पर टी० ।
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