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धर्मशास्त्र का इतिहास टी० हरदत्त कृत अनाकुला (मैसूर); टी० कर्क द्वारा; आपस्तम्बस्मृति--१० अध्यायों में, पद्म में; जीवानन्द टो० कपर्दिकारिका (कुम्भकोणम् में प्रकाशित, द्वारा मुद्रित । १९१६); टो० गृह्यतात्पर्यदर्शन, सुदर्शनाचार्य द्वारा आपस्तम्बस्मृति-विज्ञानेश्वर, हेमाद्रि, माधव एवं (काशो संस्कृत सो द्वारा प्रकाशित); टो० प्रयोग- हरदत्त द्वारा उद्धृत। वृत्ति, तालवृन्तनिवासी द्वारा (कुम्भकोणम् में आपस्तम्बाह्निक। प्रकाशित, १९०२)।
आपस्तम्बालिक---काशीनाथ भट्ट द्वारा। आपस्तम्बगृह्यसूत्रदीपिका।
आपस्तम्बाह्निक-गोवर्धन कविमण्डन द्वारा। आपस्तम्बगृह्यप्रयोग।
आपस्तम्बाहिक-रुद्रदेव तोरो द्वारा। आपस्तम्बगृह्यभाष्यार्थसंग्रह-हेमाद्रि द्वारा उ०। आपस्तम्बीयद्वादशसंस्काराः। आपस्तम्बगृह्यसार-महामहोपाध्याय योपनभट (आंध्र) आपस्तम्बीयमन्त्रपाठ-डा० विण्टरनित्ज द्वारा सम्पाद्वारा।
दित। आपस्तम्बगृह्यसूत्रकारिका--वाग्विजय के पुत्र सुद- आपस्तम्बीयसंस्कारप्रयोग। र्शन द्वारा।
आग्दिकनिर्णय। आपस्तम्बगृह्यसूत्रकारिकावृत्ति-नरसिंह द्वारा (९६९ आभ्युदयिकवाद । श्लोकों में शक सं० १५३६ में लिखित एवं १९२२ आभ्युदयिकासपद्धति । में तेलुगु में अनूदित)।
आरामादिप्रतिष्ठापद्धति-गंगाराम महाडकर द्वारा। आपस्तम्बजातकर्म-बापण्णभट्ट द्वारा।
आरामोत्सर्गपद्धति-दे० जलाशयारामोत्सर्गपद्धति । आपस्तम्बधर्मसूत्र--दे० प्रक० ७। टी० उज्ज्वला, आरामोत्सर्गपद्धति--भट्टनारायण द्वारा।
जो हरदत्त कृत है (कुम्भकोणम् में मुद्रित एवं बम्बई आरामोत्सर्गपद्धति--शिवराम द्वारा। संस्कृत सीरीज द्वारा प्रकाशित)।
आरामोत्सर्गपद्धति--(बड़ोदा, सं० ५४२४) । आपस्तम्बपद्धति।
आर्धचन्द्रिका। आपस्तम्बपद्धति--विश्वेश्वर भट्ट द्वारा !
आर्धचन्द्रिका--वैद्यनाथ द्वारा। आपस्तम्बपरिभाषासुत्र-मसूर १८९४ एवं आनन्द० आष्टिषेणस्मृति-निर्णयसिन्धु द्वारा वर्णित ।
सं०९३ । टो० कपर्दिस्वामी द्वारा,टो० हरदत्त रा। आवसथ्याधानपद्धति-श्रीदत्त कृत । आपस्तम्बपूर्वप्रयोग।
आशौच--वेंकटेश द्वारा। आपस्तम्बपूर्वप्रयोगकारिका।
आशौचकाण्ड---दिनकरोदद्योत का एक भाग। आपस्तम्बपूर्वप्रयोगपद्धति--शिंगाभट्ट द्वारा (हुल्श), आशौचकाण्ड--वैद्यनाथ दीक्षित द्वारा (स्मृतिमुवतासं० ८७।
फल का एक भाग)। आपस्तम्बप्रयोगरत-नारायणयज्वा द्वारा।
आशौचकारिका। आपस्तम्बप्रयोगसार।
आशौचगंगाधरी-गंगाधर कृत। आपस्तम्बप्रयोगसार-गंगाभट्ट द्वारा।
आशौचचन्द्रिका। आपस्तम्बप्रायश्चित्तशतद्वयी-टी0वेंकटवाजपेयी द्वारा। आशौचचन्द्रिका-रत्नभट्ट के पुत्र त्यगलाभट्ट या आपस्तम्बश्रावप्रयोग।
तिगलाभट्ट के पुत्र वेदांतराय द्वारा (स्टीन, पृ०८३)। आपस्तम्बसूत्रकारिका।
आशौचचन्द्रिका-~-राजकृष्ण तर्कवागीशभट्टाचार्य द्वारा। आपस्तम्बसूत्रसंग्रह।
आशीचतत्त्व-दे० 'शुद्धितत्त्व'।
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