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धर्मशास्त्रीय प्रन्यसूची
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आशोधतत्त्व-अगस्त्यगात्र के विश्वनाथ के पुत्र महा- टो० नन्दपण्डित द्वारा शुद्धिचन्द्रिका (चौखम्मा
देव द्वारा, ४८ श्लोकों में (हुल्श, पृ० १४३)। सो०), १५९०-१६२५ ई० के बीच। टो० त्र्यम्बक के पुत्र शिवसूरि (महाजन) द्वारा आशौचनिर्णय-कौशिकाचार्य कृत (भण्डारकर संग्रह रचित ।
से); १४६ श्लोकों में; कौशिकादित्य के ८६ आशौचतत्त्वविचार।
श्लोकों की ओर संकेत है और गोभिल के वचन आशौचत्रिशच्छलोकी--दे० त्रिशच्छलोको; अलीगढ़ में उ० हैं)। प्रकाशित । टो० मुकुन्द के शिष्य राघवभट्ट द्वारा। आशौचनिर्णय-गोपाल द्वारा । शक सं० १५३५ स्मत्यर्थसार निर्णयामृत का इसमें उद्धरण है। (१६१३ ई०); अपने 'शुद्धिनिर्णय' में उ० है। टो० भट्टाचार्य द्वारा (बड़ोदा, सं० ३८८३, काल नो० ९, पृ० २६७।। सं० १५७९, सन् १५२२-२३ ई०) । टो० भट्टोजि आशौचनिर्णय-मातामह उपाधि वाले नृहर्याचार्य के द्वारा।
पुत्र गोविन्द द्वारा। आशौचदशक-या दशश्लोको, विज्ञानेश्वर द्वारा; आशोधनिर्णय--आपदेव के पुत्र जीवदेव द्वारा; गोदा
दे० 'दशश्लोको'। टो० विवरण (भट्टोजि कृत); वरी पर उत्पन्न ; सम्भवतः अनन्तदेव के भाई। ठो० रामेश्वरात्मज माधव के पुत्र रघुनाथ द्वारा आशौचनिर्णय-आंगिरसगोत्र के नारायणात्मज रघुनाथ (१५७८ ई०); टो० लक्ष्मोधर के पूत्र विश्वेश्वर के पुत्र त्र्यम्बक पण्डित द्वारा। अशों में विभाजित । द्वारा (विवृति)। विज्ञानेश्वर, वाचस्पति एवं निर्णयों में मुद्रित। निर्णयसिन्धु एवं नागोभट्टोजि का उल्लेख है (स्टोन, पृ० ३०२); १६५० जिमट्टोय को उ० करता है। सन् १७६० ई० के ई० के पश्चात्। टो० वेंकटाचार्य द्वारा। टी० लगभग। श्रोधर द्वारा। टी० हरिहर द्वारा (इण्डि० आ० आशौचनिर्णय-शिवभट्ट के पुत्र नागोजि द्वारा। पाण्डु०, १५३२ ई०, पृ० ५६५) ।
आशौचनिर्णय---मट्टाजि (१५६०-१६२० ई०) द्वारा। आशौचदीधिति--अनन्तदेव कृत स्मृतिकौस्तुभ का एक आशौचनिर्णय--रामेश्वर के पुत्र माधव द्वारा; लग० भाग।
१५१५-१५७० ई०। आशौचदीपक--कोटिलिंगपुरी के राजकुमार द्वारा। आशौचनिर्णय-रघुनन्दन द्वारा। टोका लेखक द्वारा।
आशौचनिर्णय----रघुनाथ पण्डित द्वारा। देखिए आशौचदीपिका--अघोरशिवाचार्य द्वारा।
"त्रिशच्छ्लोकी।' आशौचदीपिका--विश्वेश्वर भट्ट (उर्फ गागाभट्ट) आशौचनिर्णय-रामचन्द्र द्वारा। द्वारा । दिनकरोदद्योत कृत आशौच का एक अश आशौचनिर्णय-श्रीनिवास-पुत्र वरद द्वारा। आशौच(नो०, पृ० १३६)।
दशक एवं आशोचशतक के प्रमाण देता है। माशोचदीपिका-श्यामसुन्दर भट्टाचार्य द्वारा। आशौचनिर्णय--वीरेश्वर द्वारा। आशौचदीपिका-कम्भालूर नृसिंह द्वारा, जिसने आशौचनिर्णय--वेंकटाचार्य द्वारा; दे० 'अघनिर्णय' । हेमाद्रि, माधवीय, षडशीति एवं पारिजात की ओर आशौचनिर्णय-वेंकटेशवरद ताताचार्य के पुत्र वेदान्तसंकेत किया है।
रामानुजतातदास द्वारा। आशोचनिर्णय या षडशीति--औफेस्ट (२, पृ० ११) आशौचनिर्णय--वैदिक सार्वभौम द्वारा (क्या यह ने षडशीति को अभिनवषडशीति कहा है।
आशीचशतक हो है?)। टो० शठकोपदास (बडोदा, आशौचनिर्णय-आदित्याचार्य या कौशिकादित्य द्वारा; सं० ६३८०) ।
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