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अर्क विवाहपद्धति शौनक द्वारा ।
अविवाह - प्रथम दो की मृत्यु के उपरान्त तृतीय पत्नी से विवाह करने के पूर्व अर्क नामक पौधे से विवाह करने की विधि। बी० बी० आर० ए०
एस०, पृ० २४० ।
अर्घ्यदान |
अर्घ्यप्रदानकारिका ।
अर्ध्यानुष्ठान ।
अर्जुनाचन - कल्पलता -- रामचन्द्र द्वारा की पूजा पर ) ।
धर्मशास्त्र का इतिहास
अशुचिन्द्रिका या (शुचिन्द्रिका) -
( कार्तवीर्य
वर्णित ।
अर्षोवयपर्व पूजन - बड़ोदा ( संख्या १७४२ ) । अहं नीति- हेमाचार्य (१०८८-११७२ ( अहमदाबाद में मुद्रित, १९०६ ) । अलङ्कारवान । reeकाजीर्णप्रकाश ।
अल्पयम -- हरिनाथ के स्मृतिसार में वर्णित । अवधूताश्रम - अज्ञात । इस प्रकार के संन्यासियों एवं उनके कर्तव्यों का वर्णन है। नो० न्यू० (जिल्द ३, भूमिका ९, पृ० ८ ) । अवसानकालप्रायश्चित्त ।
अर्जुनार्चापारिजात - रामचन्द्र द्वारा । अर्थकौमुदी - गोविन्दानन्द द्वारा, शुद्धिदीपिका पर
टी० दे० प्र० १०१ ।
अर्थशास्त्र - कौटिल्य द्वारा | देखिए प्रक० १४ । टी० भट्टस्वामी की प्रतिपदपंचिका (द्वितीय अधिकरण के अध्याय ८-३६ पर ) । माधव - यज्वमिश्र की नयचन्द्रिका टी० । गणपतिशास्त्री (त्रि० सं० सी०) द्वारा श्रीमूल टी० ।
अष्टकाकर्म । अष्टकाकपद्धति । अष्टकाशौचभाष्य - - देखिए सूतकनिर्णय | अष्टमहाद्वादशीनिर्णय - - माधव के पुत्र रघुनाथ द्वारा ( बड़ोदा, संख्या १२५८६ ए ) । लगभग १५५०१६२५ ई० ।
अर्थप्रदीप -- चण्डेश्वर के राजनीतिरत्नाकर में अष्टमहामन्त्र - पद्धति - स्मृत्यर्थसागर में उ० ।
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ई० ) कृत
--नन्द पण्डित
द्वारा दे० प्र० १०५ । अशौचनिर्णय – उमानाथ द्वारा (बिहार, संख्या १०,
'अशोच' पर लिखित ग्रंथों में 'अशौच' एवं 'आशौच' दोनों शब्द प्रचलित रहे हैं। अशोचसार--सत्पण्डित
श्री बलभद्र द्वारा ; ( इसमें कुबेर पण्डित, भीमोपाध्याय, भवदेव भट्ट एवं स्मृतिसमुच्चय के उल्लेख आये हैं) ।
अश्वत्थपूजा !
अश्वत्थप्रतिष्ठा ।
अश्वत्थोद्यापन - ( शौनकस्मृति से) बी० बी० आर० ए० एस० (जिल्द २, पृ० २४० ) । अश्वत्थोपनयनपद्धति - ( शौनक के अनुसार ) बी० बी० आर० ए० एस० ( जिल्द २, पृ० २४० ) ।
अश्वदान |
अष्टविंशतिमुनिमत-- बड़ोदा, संख्या १२७४३ ॥ अष्टभावविधानविधि ।
अष्टावश गोत्र वड़ोदा, संख्या ३८५४ । अष्टादशजातिनिर्णय-स्टीन, पृ० ८२ । अष्टादशविवादसंक्षेप-स्टीन, पृ० ८२ । अष्टादश संस्काराः -- चतुर्भुज द्वारा । अष्टादशस्मृतिसार ।
अष्टादशस्मृतिसारसंग्रह - बड़ोदा, संख्या १०२१४ । असगोत्रपुत्रपरिग्रहपरीक्षा - अहोबल द्वारा । नो० न्यू० ( जिल्द ३, पृ० ११) ।
असपिण्डासगोत्र परीक्षा - सम्भवतः यह उपर्युक्त ग्रन्थ ही है ।
असपिण्डासगोत्रपरिग्रहविधि - अहोबल शास्त्री द्वारा । अस्थिप्रक्षेप --- चन्द्रप्रकाश द्वारा ( बड़ोदा, सं०
१५४७८) ।
पु० ७) । अशौचप्रकाश-- देखिए 'आशौचप्रकाश' के अंतर्गत । अस्थिशुद्धि |
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