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कात्यायन स्मृति
१. यज्ञोपवीतकर्मप्रकरणवर्णनम् १३३५ यज्ञोपवीत बनाने का माप और धारण विधि मातृका, वसुधारा और नान्दी श्राद्ध का विधान
२. नित्यनैमित्तिक (श्राव) कर्मवर्णनम् १३३७ नित्य नैमित्तिक श्राद्ध विधि।
३. त्रिविधक्रियावर्णनम १३३६ श्राद्धादि सम्पूर्ण कार्य अपनी अपनी शाखा के अनुसार करने का विधान
४. धावप्रकरणवर्णनम् १३४० सम्पूर्ण अध्याय में श्राद्ध की विधि बताई गई है
५. श्राद्धप्रकरणवर्णनम् १३४१ वृद्धि श्राद्ध आदि अन्य पर्यों पर श्राद्ध का वर्णन
६. अनेककर्मवर्णनम् १३४३ आधान काल और तत्सम्बन्धी अग्निहोत्र तथा परिवेत्ति का वर्णन
७. शमीगर्भाधनेकप्रकरणवर्णनम् १३४४ । शमी गर्भ काष्ठ पीपल आदि का वर्णन । अग्नि मन्थन की
प्रक्रिया, अरणी निर्माण, किस प्रकार काष्ठ की अरणी बनानी अरणी मन्थन से निकाली हुई अग्नि ही यज्ञ में प्रशस्त होगी
८. सयज्ञस्त्र वसमिधलक्षणवर्णनम् १३४६ अरणी मन्थन विधान । दर्श पौर्णमास्य यज्ञ में समिधा का मान तथा समिधा हरण विधि
६. सन्ध्याकालाद्दिश्यकर्मवर्णनम् १३४८ । सायंकाल का निर्णय एबं सार्वकालीन अग्निहोत्र का समय तथा
विधि । प्रज्वलित अग्नि में ही आहुति देना, यदि प्रज्वलित नहीं हो तो पंखे (व्यजन) से हवा देना मुख से नहीं
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