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वृहद पाराशर स्मृति
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प्रकार-किस स्वरूप में तथा किस जन्म में किस देवता का ध्यान करना इत्यादि का वर्णन । मृत्यु के अनन्तर जीव की दो मार्ग की गति का वर्णन, एक धूम मार्ग दूसरा प्रकाश (अचि) मार्ग । एक से ब्रह्म की प्राप्ति और एक से स्वर्ग की प्राप्ति । ब्रह्मयोग की प्राप्ति के साधन का वर्णन ब्रह्म का अभ्यास, ध्यान और प्रत्याहार का वर्णन तथा यह बताया है कि "मृत्युकाले मतिर्यास्यात्तां गतियाति मानवः"। इसलिए मुमुक्ष को नित्य ऐसा अभ्यास करना चाहिए जिससे अन्त समय ब्रह्म ज्ञान का अभ्यास बना रहे ।
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