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________________ पाराशरस्मृति स्त्री, नदी, वापी, कूप और तड़ाग की शुद्धि रजस्वला होने से पूर्व कन्या का दान स्त्रीशुद्धिवर्णनम् : ६५३ रंजस्वला स्त्री के शुद्धि १०-१८ कांस्य, मिट्टी आदि के पात्र एवं वस्त्रों की शुद्धि १६-३५ सड़क में पानी, नाव और पक्के मकान अशुद्ध नहीं होते वृद्ध स्त्री और छोटे बालक ये अशुद्ध नहीं होते हैं । पापियों के साथ बातचीत करने पर शुद्धि ३७-४२ ८. धर्माचरणवर्णनम् : ६५५ गाय को बांधने से जो मृत्यु हो जाय उसका प्रायश्चित्त २-२१ निन्द्य ब्राह्मणवर्णनम् : ६५७ जो ब्राह्मण न लिखे पढ़े तो पतित और उनका प्रायश्चित्त २२-२७ पञ्च यज्ञ करने वाले और वेद पढ़े लिखे ब्राह्मण २८-३१ राजा को बिना विद्वान ब्राह्मणों के पूछे स्वयं व्यवस्था नहीं देनी चाहिए ३२-३६ प्रायश्चित्त स्थान ३७-३८ गोब्राह्मणहेतोरुपदेशः : ६५६ गाय किसी स्थान पर कीचड़ में फंस जाय तो उसके रक्षा का पुण्य ३६-४३ गो-घाती को प्राजापत्य कृच्छ्र के विधान का वर्णन ४४-४६ ६. गोसेवोपवेशवर्णनम् : ६६० गो सेवा का उपदेश । गोवध करने में कौन-कौन दण्डनीय होते हैं। गाय को बांधना, लाठी मारना या काम क्रोध से मारना, पर वा सींग तोड़ने का पाप तथा प्रायश्चित्त .१-२५ गवि विपन्नानां प्रायश्चित्तम् : ६६३ गाय के बांधने एवं नदी और पर्वत पर गाय के चराने का वर्णन। गाय को किन रस्सियों से बांधना और किनसे नहीं बांधना, बिजली गिरने से, अति वृष्टि से यदि गाय मर जाय, इन सम्बन्धों में और गाय के सम्बन्ध में कोई बात न बतावे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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