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आङ्गिरसस्मृति
७. पापपरिगणनम् : ३०७३ जानते हुए भी प्रायश्चित्त का विधान पूछने पर ही करे पापपरिगणन पञ्चमहापातकियों का वर्णन पतितों का वर्णन
८. शूद्रान्नस्यहितत्त्ववर्णनम् : ३०७५ प्रतिग्रह से प्रायश्चित्त शूद्रान्न के भोजन में प्रायश्चित्त शूद्र की प्रशंसा कर स्वस्तिवाचन में प्रायश्चित्त प्रतिग्रह लेकर दूसरों को दे दे शूद्रान्नरस से पुष्ट वेदाध्यायी का प्रायश्चित्त शूद्रान्न छै मास तक खाने से शूद्र के समान हो जाता है एवं मरने
पर कुत्ता होता है सारी उम्र खाने वाले को भी शूद्र ही होना पड़ता है प्रतिग्रहकेयोग्यधान्य पात्र से लेना चाहिए प्रतिग्राह्य वस्तुयें
६. अभक्ष्यभक्षणप्रायश्चित्त : ३०७७ अभक्ष्यभक्षण का प्रायश्चित्त भिक्षुकों की गणना कुत्ते से काटे हुए का प्रायश्चित्त
१०. हिंसाप्रायश्चित्तकथनम् : ३०७६ हिंसा का प्रायश्चित्त वर्णन दण्ड का लक्षण गौओं के प्रहार करने से प्रायश्चित गायों के रोधनादि से मरने पर प्रायश्चित गायों की हड्डी आदि मारने से टूटने पर प्रायश्चित्त किन-किन अवस्थाओं में प्रायश्चित्त नहीं लगता गजादि प्राणियों की हिंसा में प्रायश्चित्त
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