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________________ १२४ वृद्धगौतम स्मृति २३. प्रायश्चित्तवनर्णम् : १६०६ पाप कर्मों का दूसरे जन्म में फल और उनका प्रायश्चित्त । २४. महापातकप्रायश्चित्तवर्णनम् : १६११ महापातकियों के प्रायश्चित्त का विधान । २५. रहस्यप्रायश्चित्तवर्णनम् १९१२ गुप्त पापों के प्रायश्चित्त : २६. प्रायश्चित्तवर्णनम् : १९१३ अवकीर्णी और दुराचारी के प्रायश्चित का वर्णन । २७. कृच्छ्व तविधिवर्णनम् : १६१४ कृच्छ और अतिकृच्छ व्रत की विधि का वर्णन । २८. चान्द्रायणव्रतविधिवर्णनम् : १९१६ चान्द्रायण व्रत की विधि ।। २६. पुत्राणांसम्पत्तिविभागवर्णनम् : १६१७ लड़कों को अपने पिता की सम्पत्ति में बंटवारा। --0 ११-१२ १३-२७ वृद्धगौतम स्मृति १. धर्मोपदेश तथा भगवत स्वरूप वर्णनम् : युधिष्ठर का वैशम्पायन के प्रति वैष्णव धर्म के जिज्ञासार्थ प्रश्न जिसके श्रवण करने से पाप दूर हो जाय वैशम्पायन का उत्तर युधिष्ठिर का भगवान् से वैष्णव धर्म की जानकारी के लिए प्रश्न भगवान द्वारा वैष्णव धर्म का माहात्म्य बतलाना और उसका सविस्तार वर्णन २. धर्मप्रशंसावर्णनम् : १९२६ वैशम्पायन का प्रश्न भगवान् ने धर्म का मार्ग बतलाया युधिष्ठर का प्रश्न कि ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्यादि किस गति से यम लोक जाते हैं ? २८-७१ २-१० ११-१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002787
Book TitleSmruti Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagsharan Sinh
PublisherNag Prakashan Delhi
Publication Year1993
Total Pages636
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size10 MB
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