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प्रस्तावना
विस्तृत अने संक्षिप्त १५६ जेटली कथाओमां विवरणकारे बहु कुशलताथी विशाल ज्ञान आप्युं छे, बहु उपयोगी उच्च प्रकारचें शिक्षण आप्यु छे ।।
ए कथा-चरित्रोमां, भारतवर्षने पावन करी गयेला महापुरुषोना, परमपूज्य सर्वज्ञ तीर्थकरोनां, चक्रवर्तिओनां, वासुदेवोना, बलदेवोना, तथा प्रत्येकबुद्ध अनेक राजर्षिओनां पवित्र चरित्रो विशिष्ट शैलीथी दर्शाव्यां छे । गणधरोनां अने अन्य प्रभावक, तपस्वी, क्षमाश्रमणोनां, सन्त-सत्पुरुषोना, तथा वीजा राजा-महाराजाओनां पण चरित्रो छ । सात वार नक्षत्री पृथ्वी करनार परशुराम, अने एकवीश वार नब्राह्मणी पृथ्वी करनार सुभूम चक्रवर्ती जेवानां विचारवा योग्य बोधक चरित्रो पण आमां छे । अभयकुमार, रोहक, यौगंधरायण, चाणक्य जेवा बुद्धि-निधान राज-मान्य मंत्रीओनां, सद्गुणोथी श्रेष्ठ श्रेष्ठीओनां, तथा उदार सार्थवाहो जेवा अनेक सज्जन सद्गृहस्थोनां सरस चरित्रो आमां उत्तम शैलीथी वर्णन करेला मळे छे । ते साथे विरुद्ध स्वभाववाळा अने विपरीत आचरण करनारा अधम दुर्जनोनां दुष्ट चरित्रो पण परिहरवा योग्य तरीके प्रसङ्गानुसार समजाव्यां छे । चोरी, जारी, घोर हत्या आदि पापो करनारा अधम अधर्मीओने पण अध्यात्म मार्गे वाळनार उद्धारक उपदेशोवाळां दृष्टान्तो पण आमां जोवा-जाणवा मळशे ।
विशाल भारतने उज्वल बनावी गयेली आर्य महिलाओनां, सुशील सन्नारीओनां, राजीमती जेवी राजकुमारीओनां, राज-रमणीओनां, श्रमणीओनां, सती-महासतीओनां आदर्श पवित्र चरित्रो आ ग्रन्थमां सरस शैलीथी उत्तम प्रकारे दर्शाव्यां छे, ते आर्यावर्तनी पवित्र नीति-रीतिनो अने आर्योनी उच्च संस्कृतिनो सारो ख्याल आपे तेवां छे। एमांथी देशने अने समाजने उच्च प्रकारचें शिक्षण मळी शके तेम छ । पुरुषोने पवित्र मार्गे पाळनारी, पतनमाथी बचावी लेनारी श्रेष्ठ महिलाओनी पुण्यकथा अनन्य प्रेरणा आपशे ।
साथे बीजां केटलांक चतुराई-भयां स्त्री-चरित्रो पण आमांथी जोवा-जाणवा मळशे, केटलीक अधम स्त्रीओनां निंद्य दुःसाहसोनी कथाओमांथी पण सुज्ञो सद्बोध मेळवी शकशे।
आ ग्रन्थमांनां धर्म-मार्गमा लई जनार, नीतिमय पवित्र सन्मार्ग तरफ प्रेरनार, शान्तरसने पुष्ट करनार, नवरसमय कथानको, आजना नवलिका-रसिक नवलकथाकारोने, तथा नवल-कथा-प्रेमीओने प्राचीन कथाकारोनी विशिष्ट सरस शैलीनुं परिज्ञान करावशे, पाश्चात्य कथाओथी मुग्ध बनेलाओने भारतीय कथाओनी उत्तमता अने सरसतानो ख्याल करावशे । अत्यन्त प्राचीन समयनी लोक-वार्ताओ, परम्पराथी वर्तमानमा उतरी आवी के, ते आमांनी केटलीय कथाओने वर्तमानमा प्रचलित लोक-वार्ताओ साथे सरखावी जोधाथी समजी शकाय तेम छे। देश-परदेशनी वार्ताओने, देशी भाषाओमां प्रचलित कथाओने, आवा प्राचीन प्राकृत साहित्यनी कथाओ साथे सरखाववाथी लोक-वार्ता-वृत्तासोना उंडां मूळो समजाशे । तुलनात्मक दृष्टिए अभ्यास करवा योग्य आ गहन छतां रसाद विषय छे । दृष्टान्त तरीके आमां दर्शावेली बुद्धि-हीन मूर्ख गामडियानी कथा प. १५९] ने 'मूरखो' वार्ता साथे सरखावी शकाय । सम्भव छे के आमांनी
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