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उज्जोयणसूरिविरइया
उचार-तारयाए विलुलिय-तम-नियर-करिण केसीए बंद-कर-ल-दसणं राई समच्छर हसियं ॥ पुच्त्र-दिसाएँ सहीय व दिष्णा जैव-चंद्र-चंद्र-शिडाली। रवि-विरह जलण-संतावियम्मि वयणम्मि रथणीए ॥ ससियर-पंडर-देहा कोलिय- हुंकार-राव-नियामा अह झिवि पचन्ता रण राई विणा रविणा ॥ अरुणारुण पीडा भवंचिर-तारयं सुरय-क्षीणपुण्य-संशं राई रोखेण व विलीणा ॥
इय राई -रवि-संझा-तिन्हं पि हु पेच्छिउं इमं चरियं । पल्हत्थ-दुद्ध-धवलं अह हसियं दियह लच्छीए ॥
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३९) तो यम्मि एरिसे अवसरे धोय धवल-पडच्छाइए सुविधि पके पसुता दुद्ध-धवल-जल-तरल कलोल माला पालिए खीरोय-साय व लच्छी पिरंगुसामा देवी सुविणं पेच्छतं च फेरिर्स
जोहा - पवाह-णी रोरु-पूर-पसरंत भरिय- दिसियक्कं । पेच्छइ कुमुयाणंद सयलं पि कलंक-परिहीणं ॥
अह बहल - परिमलायडियालि- हलबोल- णिब्भर - दिसाए । कुवलयमालाएँ दर्द अवगूढं चंदिमा- नाहं ॥ राजो जावय हमें पेच्छ तावव पहय-पद-पद-परिव-संबुद्ध-विन्द्ध मंदिरुजाण यात्री कंठारावरविअंतसविसेस - सुइ- सुहेणं पडिबुद्धा देवी । पाहाउय- मंगल तूर-रवेणं पडिवुज्झिऊण य गियय-भावाणुसरिस-सुमिण-दंसण-रस12 वस-पहरिसुच्छलंत रोमंच-कंचुब्वहण पहाए देवीए भगतूण विणओणय- उत्तमंगाए साहियं महाराइणो जहा दिट्ठ महा-15 सुविण ति तो राया व दियय-द्वि-संवत देवी-पर-पसाओ अमय- महासमुद्दे विय मनमाणो इमं भणितमावतो । 'पिए, जो सोरायसिरीए भगवईए तुह दिष्णो पुत्त-वरो सो भग गं तुह उदरस्यो जाओ' विभो देवी सं
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15 'महाराय देवचाणं अणुग्गणं लच्छीए वरप्यखापुर्ण गहाणं सानुकूलचणं गुरुवण-आसीसाए तुह व पभावणं एवं चेय 10 एवं भए पढिच्छिवं मए अणुमयं भए पसाओ महं' ति भणमाणी विडिया राइनो चलन तुचि ।
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४०) तनो राया कवावस्य करणीनो महिऊण सुर-संघ दक्षिण यखिणिजे पूऊण पूर्याणि संमाणिऊण 18 संमाणणि बंदिण दणजे कितो वाहिरोवत्या भूमिं णिसण्णो तबियतयभिज्ञ रयण-त्रिणिम्मविए महरिदे सीहास | 18 आसीणस्व च भगवा सुर-गुरु-सरिसा मंतिनो उपविट्टा कण-दिस्स व महाणारंदा पणमंति दुग्गइय-सरिसा महावीरा, उग्गादेति भाऊ सधं धणंतरि-समा महावेजा, सत्धिकारैति पययण समा महारंभणा सुदासगाथा वास महरिखि-समा 21 महाको, विष्णवैति उम्मुह-समा महासेगावहूणो पत्रिसंति सु-सरिसा महापुरोहिया विकम्म वावडाओ भवहरिय- 21 सुर-सुंदरी-चंद्र-लायण्णाओ वारविलासिणीओ त्ति | केएत्थ पायय- पाठ्या, केइत्थ सक्कय पाठ्या, अण्गे अवभंस- जाणिणो, अण्णे भारह-सत्थ- पत्तट्ठा, अण्गे विसाहिल-मय- णिउणा, अण्णे इस्सत्थ-सत्थ- पाढया, अण्णे फरावेडु उवज्झाया, अण्णे 24 छुरिया-पवेस-पविट्ठा, नवरे बाणय-सत्तिक-मंडिमल पास-द- णिउणा भने पत् तेज-पट्टा, अग्ने चित्यम्म-कुलला, 24 अण्णे हय-लक्खण-जाणिणो, अण्णे गय-लक्खणण्णू, अण्णे मंतिणो, अण्णे धाउ-वाइणो, अण्णे जोइसिणो, अगे उण सउणसध-पाढया, अण्णे सुविणय-वियाणया, अण्णे णेमित्तिय चि । अविव ।
सा णत्थि कला तं णत्थि कोडयं तं च णत्थि विष्णाणं । जं हो तत्थ ण दीसह भिलिए अत्थाणिया- मज्झे ॥
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( ४१ ) तो तम्मि एरिसे वासव-सभा-संणिहे मिलिए महत्थाणि-मंडले भणियं राइणा । 'भो भो मंतिणो, अज्ज एरिसो एरिसोय सुविणो देवीए दिट्ठो पछिम आमे वा एयरस किं पुण फलं वि तो भणि सुविण सत्थ- पाइएहिं । 30 'देव, एवं सुविणय-सत्थेसु पटिजइ जहा किर महा-पुरिस-जणणीओ ससि-सूर-वसह सीह-गय-प्पमुहे सुमिणे पेच्छेति, 30
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10 ) P जाव
1) P विलुलिसय, J चंद्र P थंद P -दंसण. 2 ) P सहियं व, चिर for रवि. 3 ) पंडुर, P णिच्छामा 4 ) p पाणो मायंचिरसंशा से ऐसे लो 5 ) उ for हु, । इच्छीए [ इत्थीए ? ]. 6 ) P धोइन्, P पढबच्छाइइए P सुविच्छिण 7 P सुमिणं. 8 ) P -सीरो, P सयणं पि. 9 ) P अइ for अह अव इमं J om. पथ, P विउद्धसुद्धमंदिरुज्जाणो वावि. 11) P पहाओ य ।, P "सरस. 12) P कंउव्वणरोहाए, P गंतूण विगयावणउत्तमाण- 13 ) हियअट्ठियमहासंवयंत वर, P पसाउ त्ति, P मज्जमाणा, भणिउं समादत्तो. अनुत्तरस्यो, संचि 15) अणुग्गहोणं लच्छीव वरप्पहाणेगं मदमा सा" गुरु for भए, पसाओ त्ति महं, Jom राइणो, जुवलत्ति 17 ) Jom य, P दक्खी गिज्जे, P पूरणिजे तविणिच्छो, P विणम्मविद महरिह. 19 ) P नरिदसमा महा", P महा for महावीरा 20 ) P आउसत्यं 22 JP विंद, गीयण्णाओ, P केदय पाइय, Pom. के इत्थ सक्कयपाढया, P अवस. ईसत्थत्थपाढया, Jom. अण्णे फराड्डउवज्झाया 24 ) कय for बाण, P भिंडिला. 25 ) P गयलक्खणं अन्ने, Jom. उण. 26 ) P - वाढया अन्ने सुविणसत्थ, वीणया for विया, P नेमित्तय मंडत्रे. 29 ) Jom. य, P देवीए पच्छिमजामे दिट्टो, पुण हलन्ति,
14 ) P भगवईए, P चैन- 16 ) P मे 18 ) P भूमी, P भणो महारिसि, P 23) P भरह, P
om. समा
27 ) P हो जत्थ, P अत्थाणमज्झमि 28 ) P सन्निगे, P सुमिण, 3 om. सत्थ
30 P सुमिणसत्थे.
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