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कुवलयमाला । तेण एयस्स एरिसस्स सयल-चंद-दसणस्स महापुरिस-जम्मं साहेति' ति । राइणा भणियं 'देवीए पुत्त-जम्म-फलं सिरीए ।
चेव साहियं भगवईए । जो पुण सो ससी कुवलयमालाए अवगूढो तं किंचि पुच्छिमो' । तओ भणियं सुमिण-सत्थ-पाढएहिं 3 'देव, सेण एसा वि तुह दुइया धूया भविस्सइ' त्ति । तओ देव-गुरुणा भणियं 'देव, जुजइ एयं, जइ कुवलयमाला 3 केवला चेय दीसेज भिण्णा चंदाओ, ता होज इमं । एसा पुण तं चेय मियंक अवगूहिऊण ठिया, तेण एसा का वि एयस्स राय-पुत्तस्स पुव्व-जम्म-णेह-पडिबद्धा कुवलयमाला विय सव्व-जण-मणोहरा पिययमा होहि त्ति । तीए चेय 3 समालिंगिओ एस दिट्टो' त्ति । भणियं च राइणा 'एयं संभाविजइ'। तओ ठिया किंचि कालं विविह-णरिंद-केसरि- 6 कला-कलाव-सत्थ-विण्णाण-विज्जा-कहासुं । समुट्टिओ राया कय-दियह-वावारो कय-राइ-वावारो य अच्छिउं पयत्तो ।
४२) अह देवी तं चेय दियहं घेत्तूण लायण्ण-जल-प्पडिया इव कमलिणी अहिययर रेहिउँ पयत्ता । अणुदियह-पवमाण-कला-कलाव-कलंक-परिहीणा विय चंदिमा-णाह-रेहा सव्व-जण-मणोहरा जाया। तहा परिवड्डमाण-दाण- 9 दया-दक्खिण्ण-विजा-विण्णाण-विणय-णाणाभिमाणा सुसंमया गुरुयणस्स, पिययमा राइणो, सुपसाया परियणस्स, बहुमया सवत्ति-सत्थस्स, दाण-परा बंधु-वग्गस्स, सुमुहा पउर-जणस्स, अणुकूला साहुयणस्स, विणीया तवस्सीण, साणुकंपा सव्व-पाणि-गणस्स जाव गभं समुव्वहइ त्ति ।
भह तीऍ डोहलो सुंदरी' जाओ कमेण चित्तम्मि । जो जं मग्गइ त चिय सव्वं जइ दिजए तस्स ॥ संपुण्ण-दोहला सा पणइयणब्भहिय-दिण्ण-धण-सारा । लद्ध-रइ-प्पसरा वि हु सुपुरिस-गभं समुन्वहइ ॥
४३) सब्वहा महा-पुरिस-ब्भमुवहिउमाढत्ता । कह । अतो-णिहित्त-सुपुरिस-मुणाल-धवलुच्छलंत-जस-णिवहो । धवलेइ व तीऍ फुडं गब्भ-भरापंडु-गंडयले ॥ मंदर-गिरि-वर-गरुयं तमुच्वहंतीय भार-खिण्णाए । अलसायति अलंबिय-मुणाल-मउया अंगाई॥ तुंग समुब्भडयरं तीय वहंतीय अप्पणो गब्भं । सामायति मुहाई ऊणिस-गहियाण व थणाण ॥ आपूरमाण-गब्भा अणुदियहं जह पवढ़ए देवी । तह सरय-जलय-माल व्व रेहए पुण्णयदेण ॥ अह दल-थवणं पि कयं संमाणिजंत-गुरुयण रम्मं । णच्चिर-विलासिणीयण-जण-णिवहुद्दाम-पूरंतं ॥ अह तिहि-करणम्मि सुहे णक्खत्ते सुंदरम्मि लग्गम्मि । होरासुदू-मुहासु उच्च-स्थाणम्मि गह-चके ॥ वियसंत-पंकय-मुहो कुवलय-कलिया-दुरंत-णयण-जुओ। सरय-सिरीए सरो इव जाओ रुइरो वर-कुमारो ॥
४४) अह तम्मि जाय-मेत्ते हरिस-भरिजंत-वयण-कमलाण । अंतेउर-विलयाणं के वावारा पर्यटेति ॥ 'हला हला पउमे, विरएसु मरगय-मणि-भित्ति-स्थलुच्छलंत-कसिण-किरण-पडिप्फलंत-बहलंधयार-पत्थार-रेहिरे मणि-पईवय-24 णिहाए । पियसहि पुरंदरदत्ते, सयं चेव किं ण पडियग्गसि सयल-भवण-भित्ति-संकंत-कंत-चित्तयम्म-संकुलाओ पोषिणमायंदरिंछोलि-रेहिराओ मंगल-दप्पण-मालाओ ति । हला हला जयसिरि, किं ण विरएसि सरय-समय-ससि-दोसिणा-मऊहोहा7 मिय-सिय-माहप्पे महाणील-कोट्टिम-तलेसु णलिणी-दलेसु धवल-मुणालिया-णिवहे ब्व भूइ-रक्खा-परिहरंतए । पियसहि 27 हंसिए, हंसउल-पक्खावली-पम्ह-मउइयं किं ताण गेण्हसि चामरं । वयंसि सिद्ध थिए, गोर-सिद्धत्थ-करंबियाओ दे विरएसु
अहिणवक्खय-णंदावत्त-सयवत्त-पत्तलेहाओ। तुमं पुण सुहडिए, रिउ-सुहड-करि-वियड-कुंभयड-पाडण-पडं गेण्हसु बालयस्स 0 देवीए य इमं रक्खा -मंडलग्ग' ति ।
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1) तेणेयरस, P व for चंद,Joru. दंसणस्स, P साहइ, Jom. त्ति,J राहणो, जम्महलं. 2) P भगवतीए, P अवऊढो P किंपि, सुविमणयपसत्थ. 3) देवत्तेणं P देवत्तण, P तुह दइया, I जुज्जए. 4) दिसेज्ज, P एसा उण, चेयं, मियंक P मियंका,J ट्रिया. 5)P-उत्तरस, Pमणहरा, होहिइ ति,J writes त्ति twice, P चेव. 6) Pom. पस, P संभारिज्जइ, P कंपि for किंचि. 7) कहासु, P राईवावारो. 8) चेव, P अह्यवर. 9)J परियडमाग. 11) सत्थरस य दाण, P वरा for परा, P समुहा, साधुअणस्स. 12) पाणिअणस्स, I om. त्ति. 13)P दोहलो, सुंदरीय. 14) P संपत्तदो, 'भइय, P -यसरा, P सपुरिस. 15) तहा for महा, कह. 16) जहा (for जस) corrected as मह, तीय,
'वंदुगण्डअले P पंढगंटयरे ।. 17) Pom. य, मउआई P समउयाई. 18) P अत्तणो, P भूनिय for ऊणिस. 19) P आऊरमाण, " हे देवी, P जलइ. 20) P फलट्ठवणं व कयं सामाणिज्जंत. 21) Pसुहो, P भग्गंमि, P होरासुद्धसुहासु उब्भत्थाकमि गहसत्थे. 22) P -फुरंत, रुहिरो अह कु, has three letters after कुमारो || which look like the Nos. ६ and ३ with छ in the middle. 23) P बहु for के, P पवठ्ठति. 24) Jथलच्छलंतकिरण, मणिमईवय. 25) P निवहे, पुरंदरयत्ते, J -भुअण, P कंतिः, चित्तयम्मस्स संकुला. 26) एरंछोलि, P जयसिरी, ससिणामऊहोहामियमाहप्प ।। 27) P -लए for तलेसु, I om. णलिणीदलेसु, मुणालिया इन्व, भूई. 28) Jहंसीए, P मऊयं, P किन्न for किं ता ण, J तु मुरदेहा for दे, has a marginal note in a later hand : किं न विरएसि रक्खायुट्टलियाओ। पाठांतर. 29)
खयणंदावत्ता, Jom. सयवत्त, P वियारण for वियड, P पदुयं for पडु.
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