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कुवलयमाला
बहु-असमंजस घडणा-सएहिँ जं अज्जियं कह वि अत्थं । तेण पयं पिण दिष्णं गेहे च्चिय संठियं सव्वं ॥ जानासि सुट्ट दइया पुता भूषा व हिवय वलडिया हा बायन्ति भगती पुसा मह वा घरम्मि ॥ एए वि पुणो लिहिया कई भामेड अत्तणो सीसं सुकं तु कई चिय अपन्छिमो होसु बम्हाणं ॥ एयं ते भगमाणा तलए गंतूण देंति से वारिं । एवं किर होहिइ से कत्थुट्टो कत्थ णेरयं णीए ॥ एए विदेति तृण वस्त्र पुण्जेहिं म्हण-कुछ किर तस्स होइ एवं एसो लोस्स उमरथो ।
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६ २९५ ) एयं कुमार लिहियं अण्णं च मए इमं इहं रइयं । पेच्छसु कुणसु पसायं विद्धं किं सोहणं होइ ॥ एसो को विजुवानो एयाऐं समं वाण-विलया वियसंत-कव-मुझे किं-किंपि जंपतो ॥ लजोणमंत वयणा पायंगुट्टय-लित-महिवट्ठा। दइपुण किंपि भणिया हसमाणी विलिहिया एत्थ ॥ ● एसो को विवाणो फंसूसव-रस-वसेण हीरंतो आहिंगतो लिहिनो दयं अमर व णिम्मविवं ॥ णय जाणए वराओ एसा मल- रुहिर-मुत्त- बीभच्छा । असुई- कलिमल - णिलया को एवं छिवइ हत्थेहिं ॥ असुई इमे सरीरं विहिं य निंदियं महापात्रं तह विकुवि जुवाणा विलमो कम्माण परिणामो ॥ 18 एवं पि मए लिहिये सुरवं बहु-करण-भंग-रमणिनं जंच रमेति जुवाणा खारं सोक्स तिमण्णता ॥ एए कुमार गूदा अपरोप्पर ण चेय जागति एवं अल्जयम्मं अध्याण-विवण-खारं ॥
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ऊससह ससइ वेवर वणे मडलेह दीजये कणइ दीह- सिय-सह-विद्या कुणइ मरंति व सुरयम्मि ॥ जं जं से गुज्झयरं रक्खिज्जइ सयल-लोय - दिट्ठीओ । विणिगृहिज्जइ सुइरं दिट्ठम्मि ससज्झसो होइ ॥ मल-रि-गुणवादोसयझिया असुर-वाहिणी पावा जो तं पि रमइ मूढो णमो णमो तस्स पुरिसस्स ॥ सुरयं ण सुंदर चिय अंते कण लजए जेण असुई पिव अलि तेण ण कर्ज इमेणं पि ॥ 18 ए पि मए लिहिये की वि महिलाए मंगल समूहि कीरह से फल व वजिर-तूरोह संदेणं ॥ णय जाणंति वराया जं ता अम्हेहिं किं पि एयंते । कुच्छिय-कम्मं रइयं तं पयई होइ लोयमि ॥
६२९६) एसो वि जो लिहिओ णचंतो रहस-तोय-भरिय-मणो ण य जाणए वराभी भत्ताण-विवर्ण एवं ॥ 81 एसो पुण गार्यतो लिहिओ णिब्बोलिएण वयणेणं । ण य जाणए चराओ एवं पलविज्जए सव्वं ॥ एसो वि सह पुरिसो हा हा पवडाए दंव पंतीए जं पि संतो बंध वं रोतो ण बेइ ॥ एसो वि रुयइ पुरिसो अंसु-पवाहेण मउलियच्छीओ । अण्णं बंधइ पावं अण्णं येएइ पुव्व-कयं ॥ 8 एसो विधाइ पुरियो तुरियं कर्ज ति किं पि चिंतंतो ण य जाणए वरानो मन्तृ तुरियंसमयि ॥ एमए सूर्यतो लिहिओ अह चिलेहिं अंगेहिं किं सुषसि रे अजिरमन्त ते जीवि हरइ ॥ एसो वि मए लिहिओ मल्लो अप्फोडणं करेमाणो । सारीर-बलुम्मत्तो इंदिय-विसएहिँ अह हिओ ॥ एसो वि रूवमंतो अच्छछ अत्ताणयं नियच्छंतो । ण य चिंतेइ अउण्णो खणेण रूवं विसंवयइ ॥ एसो वि धणुम्मत्तो कंठय- कडएहिँ भूसिय सरीरो । ण य विगणेइ अयाणो कत्थ धणं कत्थ वा अम्हे ॥ एसो कुल-मय-मत्तो अच्छइ माणेण थद्धओ पुरिसो । ण य चिंतेइ वराओ काओ वि इमो हवइ जीवो ॥ 30 एसो विमए लिहिली लोहुम्मत्तो अहं फिर लामिण व चिंतेइ अण्णो कम्म-सा होइ एवं पि ॥ एसो पंडियवाई लिहिलो वक्त्राण पोत्यय-करग्गो । जाणतो वि ण-याग किं णार्थ सील-परिहीणं ॥ एसो त मय-मतो अच्छा उद्वेग बाहु-डंडे काऊन हणह मूढो गब्वेण तवं ण संदेहो ॥
88 एसो वि कोइ पुरिसो कड्डिय- कोडंड-भासुरो लिहिओ । मारेंतो जीवाई अगणेंतो णरथ - वियणाभो ॥
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1 ) P घट्टण for घडणा- 2 ) P जे for जा, पत्ता for पुत्ता, P जीव for हियय, P वा वाभत्ति भगता एए ते जंडंति ए डुतं for the 2nd line. 3 ) P एते, P कद्धे भोमेउ अपणो, भामेउं अत्तणीसेसो, P तह for तुह, तिय for चिय. 4 ) 3 एवं एयं चि भणमाणो, P वारि । एतं किर होहिति से छुट्टो, P णेरय. 5 ) P एते, J म्हेण for बम्हण, किरत्तस्स होईअं एसो P होति एतं एसो, उम्मच्छो for छउमत्थो. 6 ) J inter. इमं & मए, Jom. इहं, P रइया । 7 J जुआणो, एताए, जुआण, P सुहो for मुहो. 8 J लुअणमंतवयणो पायंगुट्टायलिहितमहि, P किम्मि for किं पि, विहिलिहिया 9 जुआणो. 10 P जाणाए, बिम्भच्छा, P असुई किलमल. 11 वि for य. 12 ) एतंमि for एवं पि, P करणिभंगरसणिज्जं ।, जुआणा, P सारसोक्खं 13 ) P एते, P अवरोप्परं. 14) मउलेउ दीणहं, P भाइ for कणइ. 15 ) असज्झसो for ससज्झ 16 ) सुइर for असुर, P तंमि for तं पि. 17 सुंदर च्चिय, I इमेणम्मि | 18 ) P एयंमि मए, ठमणं P दुवणं. 19 ) J ते for ता, Pजं त कम्हे कतं ति एयं ते. 201 रोस for रहस 21 णिग्वोलि रण, P जाणे, P एतं. 22 ) P वि सहइ, रोअंतो. 23 ) JP वेते. 24 > P किम्मि for किं पि, चितो, जाई. 25 ) P अह निब्बिल हिं, ए for ते, P वर for हरइ. 26 ) P इंदियवसएहिं अह निहिओ. 27 वि रुअइमन्तो, P. णिच्छंतो, P ण इ चिंतेइ, P खणेण्ण. 28 तु for वि, P कणय for कंठय, P चिंतेs for विगणे, व अयणओ for अयाणो, P वणं for धणं. 29 ) P घट्टउ for थद्धओ P इ चिंते. 30 ) P inter. मए & वि, P कम्मल होंति एयं मि ॥. 31 पंडिय यातं P पंडिय बाती, P करायो for करग्गो, विण जाणइ, P सीण्ण for सील. 32 ) P बाहुदंडेण, P इ for द्दणइ. P तव ण. 33 [JP को विfor फोर (emended ), P कोदंड, P मारतो, " अगणतो, वियणा ॥
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