________________
उज्जोयणसूरिविरया
[$२९२1 ॥ य चिंतयंति मूढा इह जम्मे चेय दुत्तरं दुक्खं । फालण-लंबण-भेयण-छेयण-करि-चमढणादीणं ॥
परलोए पुण दुक्खं णरय-गयाण महाफलं होइ । एयं अयाणमाणा कुमार चोरा इमे लिहिया ॥ 3 एसो वि जो मुसिज्जइ पेच्छह एवं पि एरिसं लिहियं । तण्हा-राय-सरत्तो परिग्गहारंभ-दुक्खत्तो ॥
पावइ परिग्गहाओ एयं अह परिभवं ण संदेहो । अह मुंचइ कह वि परिग्गहं पिता णिवुओ होइ ।।
एसो पडिपहरंतो इमेहि घेत्तूण मारिओ वरओ। मा को वि इमं पेच्छे खित्तो अयडम्मि पावहिं॥ 8 ६२९३) एए वि हलियउत्ता लिहिया मे जंगलेण वाहेंता । अम्हाण होहिइ सुहं मूढा दुक्खं ण लक्खेति ॥
एए वि एत्थ जुत्ता परयत्ता कडिऊण जत्थासु । खंधारोविय-जूया गलय-णिबद्धा बलीवदा ॥
रुहिरोगलंत-देहा तोत्तय-पहरेहिं दुक्ख-संतत्ता । पुव्व-कय-कम्म-पायव-फलाइँ विरसाई भुंजंति ॥ 9 एसा वि एत्थ धरणी फालिजइ णंगलेण तिक्खेण । पुव्व-कयं चिय वेयइ बंधइ हलिओ वि णिय-दुक्खं ॥
पुहई जलं च वाउं वणस्सई बहु-विहे य तस-जीवे । दलयंतो मूढ-मणो बंधइ पावं अणतं पि ॥
एसो वि मए लिहिओ पर-कम्मयरो कुटुंबिओ मूढो । पुत्त-कलत्ताण कए पावेंतो गरुय-दुक्खाई॥ 12 छेत्तण ओसहीओ फुल्लिय-फलियाओ मुग्ग-सालीओ । चमढेइ बइल्लेहिं गलए मेढी-णिबद्धेहिं ॥
जइ होइ बहुं धणं जीवेज कुटुंबयं पियं मज्झ । ण य चिंतेइ अउपणो कत्थ कुटुंबं कहिं अहयं ।
एसो सो चिय लिहिओ जर-वियणा-दुक्ख-सोय-संतत्तो । डाहेण डज्झमाणो उव्वतंतो इमो सयणे॥ 16 एयं पितं कुटुंबं दीणं विमणं च पास-पडिवत्तिं । किं तुह बाहइ साहसु किं वा दुक्खं ति जं पत्तं ॥
जं किं पि तस्स दुक्खं का सत्ती तत्तियं च अवणेउं । एक्केणं चिय रइयं एक्को चिय भुंजए तइया ।
अह मंत-तंत-ओसह-जोए एसो वि को वि सो देइ । कत्तो से तस्स समं जाव ण भुत्तं तयं पावं ।। 1s६ २९४) एसो सो चेय मओ चल-चलुब्वेल्लयं करेऊण । मरणंत-वेयणाए किं च कयं हो कुटुंबेण ॥
अह तस्स एस जीवो पुण्णं पावं च णवर घेत्तूण । कम्माणुभाव-जणियं णरयं तिरियं च अल्लीणो ॥ एसा वि स्यइ दइया हा मह एएण आसि सोक्खं ति । तं किं पि सुरय-कज संपइ तं कत्थ पावेमो॥ अण्णं च एस दासो सम्वं चिय मज्झ किं पि जं कजं । खिप्पत करयं तो हा संपइ को व वुत्तंतो । को मह दाहिइ वरथं को वा असणं ति को व कजाई । एयं चिय चिंतेंती एसा लिहिया रुवंती मे ॥
एए वि हु मित्ताई रुयंति भरिऊण दाण-माणाई । संपइ तं णो होहिइ इय रुयमाणा लिहियाई॥ 24 एसो सो चिय घेत्तुं खंधे काऊण केहिँ मिणरेहिं । णिजंतो सव-सयणं अम्हे लिहिओ विगय-जीवो ॥
एसो अकंदतो बंधुयणो पिट्टओ य रुयमाणो । तण-कट्ठ-अगि-हत्यो धाहाधाहं करेमाणो ॥
हा बंधु णाह सामिय वल्लह जिय-णाह पवसिओ कीस । कत्थ गो तं णिय सरण-विहणे विमोचूण ॥ श एए ते चिय लिहिया विरएंता बंधवा चिति एत्थ । एसो पक्खित्तो च्चिय कुमार अग्गी वि से दिण्णा ॥
एयस्स पेच्छ णवरं चियाए मज्झम्मि किंचि जइ अस्थि । जं दुक्खेहिं विढत्तं तं सव्वं चिट्ठइ घरम्मि । खर-पवणुद्धय-दीविय-जलंत-जालोलि-संकुले एत्थ । एक चिय से वासं भण अण्णं कत्थ दीसेज ॥ अणुदियह-सुरय-सोक्खेहिँ लालिया बद्ध-गोह-सब्भावा । रोवइ दइया पासे डज्झइ एकल्लओ जलणे ॥ जेण य मणोरहेहिं जाओ संवडिओ य बहुएहिं । एसो सो से जणओ रुयमाणो चिट्टए पासे ॥
अइ पुत्त-वच्छला सा एसा माया वि एत्थ मे लिहिया। दट्टण डज्झमाणं पुत्तं अह उवगया मोहं ।। 33 जेहि समं अणुदियहं पीयं पीयं च णेह-जुत्तेहिं । मह एक्को चिय वञ्चइ एए ते जति घर-हत्तं ॥
30
1) Pजम्मो, J दुकर दुक्ख., उ भेतण छेतण, P भोयण for भेयण, J चमढणादी. 2) देइ for होइ. 3) "मि for पि, P रायसरते, P दुक्खंतो. 4)P मुव्वद for मुंचइ, P व for वि, Pता णिम्भुओ. 5) Pi for मा, पेच्छ खित्तो. 6) Pएते, P मे लंगलेण, P मुहं for सुह, P लक्खंति. 7)P कहिऊण. 8) J रुहिरोअलंत, P तोतूयः, J पहरा हिं, P om. विरसा, P adds वसहाओ after मुंजंति. 9) J वेदइ, Pबंधइ हिलिओ. 10) पुहई, वणस्सई, P बहुविहे य तसजीवा ।, P मूढमणा, ' अर्णतंभि. 11) J य for वि, P कुटुंबिओ, P पावेतो गस्या-- 12) मुग्गसीओ । चमढेहि. 13) Pबहू, कुटुंबयं, न कुटुंबं, ५ सयण for अहयं. 14) P सो चेय, J इमे, P सयणो । एतम्मियं कुटुंब. 15) J पडिवत्ति P परिवति, P कंमा for किंवा, Pom. ति, P जयंता for जं पत्तं. 16) ताण तंति for तत्तियं च, भुजंग for भुंजए. 17) Jअहमन्नंतउसहजो उवएसो, J से for सो. 18) P सोचय, P चलं-, P किं पि हु न कयहो कुटुंबणे. 19) Pमाणभाव- 20) दया for दश्या, P एतेण, J अस्थि for आसि, P पावेनि 1. 21) Pदोसो for दासो, जं किं चि for किं पि, J को ब्व, J व पोत्तब्बो ॥. 22) P दाही for दाहिइ, P adds इय befor एयं, Pom. चिय, I रुअंती. 23) Pएते, P स्यंति सरिऊण. 24) Pom. सो, J काऊण रेहिं ।, J सवसणं,
जीहोओ for जीवो. 26) जियणान. 27) एते, P विरयंतो बंधवा, P विती for चिति. 28)J पेच्छ णरवर चिताए.29) p पवाय. 30) Pसक्खे हिंलालियापडाणहसत्ताप । रोयइ. 32) Padds तं सब before माया. J से for मे. 33) P अणुदियहो, Jadds पिअं in between two पीयं, Jणेहसंजुत्तेण Pणेह जुत्ता हिं, Pi for ते.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org