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मन्दिर संख्या 15 के सामने स्थित स्तम्भ
स्तम्भ संख्या 14
माप
सतह से चौकी की ऊँचाई 10 इंच
चौकी से स्तम्भ की ऊँचाई 5 फुट 11 इंच
विवरण
इस अत्यन्त सुन्दर स्तम्भ के प्रारम्भ में 18 मेखलाएँ हैं । यह किसी स्मारक का शेष अंश है, जिसे यहाँ लाकर स्थापित कर दिया गया है। कीर्तिमुखों के ऊपर पत्रावली तथा वल्लरियों का अंकन बहुत मनोरम है।
इस स्तम्भ के ऊपरी भाग में एक सर्वतोभद्रिका प्रतिमा विराजमान है, जिसमें चतुर्दिक् कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ उत्कीर्ण हैं । इस स्तम्भ का कटाव अत्यन्त बारीक है ।
मन्दिर संख्या 18 के सामने के दो स्तम्भ
स्तम्भ संख्या 15 और 16
माप
चबूतरे के अधिष्ठान की ऊँचाई 1 फुट 10 इंच अधिष्ठान से स्तम्भों की ऊँचाई 12 फुट
दोनों स्तम्भ 16 पहलू
विवरण
स्तम्भों के निम्न भाग में मंगल-घटों के ऊपर पत्र - पुष्पों का अलंकरण अत्यन्त सुन्दर बन पड़ा है। स्तम्भों के मध्य भाग में श्रृंखलाओं के सहारे मनोहर घण्टियाँ लटक रही हैं । ये स्तम्भ खजुराहो के घण्टई मन्दिर की याद दिलाते हैं ।
इनमें से दायीं ओर के स्तम्भ पर संवत् 1129 का एक लेख उत्कीर्ण है। यह इनकी स्थापना का समय होना चाहिए।
मध्यवर्ती शृंखलाओं के ऊपर उत्कीर्ण कीर्ति-मुखों के ऊपर के कोष्ठकों में से उत्तर की ओर आर्यिकाएँ अंकित । इनके ऊपर की ओर उपदेश मुद्रा में ग्रन्थधारी
78 :: देवगढ़ की जैन कला एक सांस्कृतिक अध्ययन
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