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विवरण
यह पूर्वाभिमुख मन्दिर किसी प्राचीन ध्वस्त स्मारक के स्थान पर जीर्णोद्धार के समय निर्मित आधुनिक भवन है । इसके साधारण अलंकृत प्रवेश-द्वार के सिरदल के मध्य में कायोत्सर्गासन तीर्थंकर अंकित हैं । इसके गर्भगृह में विद्यमान चार शिलापट्टों पर पाँच मूर्तियाँ (चार कायोत्सर्गासन और एक पद्मासन) उत्कीर्ण हैं । एक मूर्ति पर अभिलेख भी है ।
लघु मन्दिर : संख्या 9
( मन्दिर संख्या 27 के दक्षिण में स्थित ) :
माप
21 फुट 5 इंच
अधिष्ठान की लम्बाई ( पू. - प. ) अधिष्ठान की चौड़ाई (उ. - द ) अधिष्ठान से छत की ऊँचाई 6 फुट 10 इंच
13 फुट 10 इंच
विवरण
यह पूर्वाभिमुख मन्दिर दो कक्षों में विभाजित है, दोनों में प्रवेश हेतु स्वतन्त्र द्वार हैं । यह पूर्णतः खण्डित किसी भवन पर निर्मित प्राचीन शैली का आधुनिक मन्दिर है । इसके बायें कक्ष में अवस्थित दो शिलाफलकों पर दो पद्मासन और दो कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ अंकित हैं तथा दायें कक्ष में केवल एक शिलापट्ट विद्यमान है, इसपर दो कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ अंकित हैं और दो छोटे-छोटे अभिलेख अंकित हैं ।
(स) स्तम्भ
मन्दिर संख्या 1 के पीछे स्थित सादा स्तम्भ
स्तम्भ संख्या 1
माप
ऊँचाई 5 फुट 3 इंच परिधि 3 फुट 1 इंच
विवरण
यह एक सादा स्तम्भ है । यह एक अनगढ़ पाषाण के अधिष्ठान पर स्थित है । इसके ऊपर चार देवकुलिकाओं में चार कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियों का सुन्दरता से अंकन है । दक्षिणी देवकुलिका में आठवें तीर्थंकर चन्द्रप्रभ का चिह्न 'अर्ध चन्द्र' स्पष्ट रूप से अंकित है ।
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स्मारक :: 69
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