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मन्दिर की चौड़ाई (उ.-द.) 10 फुट ।। इंच मन्दिर का अधिष्ठान समतल
इस मन्दिर में पूर्व और पश्चिम में एक-एक कक्ष और उनके मध्य में एक मण्डप है। मण्डप की लम्बाई 18 फुट 6 इंच है तथा पूर्व और पश्चिम के कक्षों की लम्बाई 8 फूट 2 इंच है। विवरण
यह समतल मन्दिर प्राचीन-स्मारक के स्थान पर एक नवीन कृति है। इसमें पूर्व और पश्चिम में एक-दूसरे के सामने द्वारवाले दो कक्ष हैं। इनके मध्य में एक मण्डप है, जिसके मध्यवर्ती दो स्तम्भों के अतिरिक्त शेष छह स्तम्भ भित्तियों में चिने हुए हैं। मण्डप में एक स्तम्भ-खण्ड रखा है, जिसपर छह पंक्तियों का एक अभिलेख
इसके अतिरिक्त एक कायोत्सर्ग तीर्थंकर की खण्डित मूर्ति भी मण्डप में स्थित
है।
पश्चिम का पूर्वाभिमुख कक्ष
इसमें विद्यमान आठ शिलापट्टों में से एक पर पद्मासन और सात पर कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ अंकित हैं। इनमें से तीन पर अभिलेख हैं।
____1959 ई. में इस कक्ष की एक अत्यन्त भव्य मूर्ति का सिर मूर्तिभंजकों द्वारा काट लिया गया है। पूर्व का पश्चिमाभिमुख कक्ष
इसमें आठ शिलापट्ट विद्यमान हैं। इस कक्ष की चार अत्यन्त सुन्दर मूर्तियों के सिर मूर्तिभंजकों द्वारा 1959 ई. में काटकर ले जाये गये हैं। सिरविहीन होकर भी मूर्तियाँ बहुत प्रभावक हैं।
मन्दिर संख्या 22
माप मन्दिर की लम्बाई (उ.-द.) 6 फुट 9 इंच मन्दिर की चौड़ाई (पू.-प.) 5 फुट 2 इंच अधिष्ठान (मन्दिराकार) की ऊँचाई 5 इंच अधिष्ठान से छत की ऊँचाई 7 फुट 8 इंच
1. दे.-चित्र संख्या 29।
58 :: देवगढ़ की जैन कला : एक सांस्कृतिक अध्ययन
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