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दो कक्षों में विभाजित कर दिया गया है और प्रत्येक कक्ष में 3 फुट 5 इंच ऊँचे और । फुट 91⁄2 इंच चौड़े एक-एक द्वार समाविष्ट हैं । दायें कक्ष में छह शिलापट्टों पर छह कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ तथा बायें कक्ष में सात शिलापट्टों पर विभिन्न तीर्थंकर मूर्तियाँ अंकित हैं । दायें कक्ष की तीन और बायें कक्ष की एक मूर्ति अभिलिखित हैं ।
मन्दिर संख्या 15
माप
मन्दिर की लम्बाई ( पू. - प.) 36 फुट 2 इंच मन्दिर की चौड़ाई (उ. - द ) 31 फुट 1 इंच अधिष्ठान ( मन्दिराकार) की ऊँचाई 3 फुट 3 इंच छत से गुमटी के अधिष्ठान की ऊँचाई 2 फुट 8 इंच गुमटी का अधिष्ठान समचतुष्कोण 8 फुट 10 इंच छत से शिखर के आधार की ऊँचाई 13 फुट 1 इंच शिखर के आधार से शिखर की ऊँचाई 9 फुट शिखर की परिधि 21 फुट 8 इंच
विवरण
इस पश्चिमाभिमुख मन्दिर' के आठ स्तम्भों पर आधारित अर्धमण्डप में पाँच शिलापट्ट विद्यमान हैं, जिनमें से चार अपनी वेदियों पर अवस्थित हैं । उनमें से दो पर पद्मासन और तीन पर कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ अंकित हैं तथा एक पर एक पंक्ति का लेख उत्कीर्ण है । प्रवेश द्वार की चौखट सुचारुता से अलंकृत है । महामण्डप चार-चार स्तम्भों की चार पंक्तियों पर आधारित है । उसमें 18 शिलापट्ट रखे हैं जिनमें से छह लघुवेदियों पर हैं और दो पर एक-एक पंक्ति के लेख उत्कीर्ण हैं। बाहरी ओर के 12 स्तम्भ दीवार में चिने हुए हैं और शेष चार मध्य में स्थित हैं जो अत्यन्त अलंकृत हैं ।
महामण्डप की चारों दिशाओं में एक- एक गर्भगृह की स्थिति से स्पष्ट है कि यह मन्दिर पंचायतन शैली का है। पश्चिमी गर्भगृह अर्धमण्डप का भी कार्य करता है और उसके दायें और बायें एक-एक वेदी है । उत्तरी गर्भगृह में बाहर की ओर एक विशाल पद्मासन और उसके दोनों ओर एक-एक कायोत्सर्गासन तीर्थंकर मूर्तियाँ स्थापित हैं । भीतर की ओर अनेक मूर्तिखण्ड रखे हैं ।
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1. दे. - चित्र संख्या 26 ।
2. इस मन्दिर की समग्र स्थिति की जानकारी के लिए देखिए -- विन्यास रूपरेखा, चित्र क्र. 401
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स्मारक : 53
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