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(अ) दीर्घाकार मन्दिर
मन्दिर संख्या 1
माप अधिष्ठान की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 33 फुट 3 इंच अधिष्ठान की चौड़ाई (उत्तर-दक्षिण) 31 फुट 6 इंच अधिष्ठान की ऊँचाई 3 फुट 10 इंच मण्डप की लम्बाई (उत्तर-दक्षिण) 20 फुट 1/2 इंच मण्डप की चौड़ाई (पूर्व-पश्चिम) 7 फुट 4 इंच लम्बाई में एक स्तम्भ से दूसरे स्तम्भ का अन्तर 5 फुट 1 इंच चौड़ाई में एक स्तम्भ से दूसरे स्तम्भ का अन्तर 5 फुट 6 इंच स्तम्भ की कुरसी समचतुष्कोण । फुट 11 इं. मण्डप की ऊँचाई (अधिष्ठान से) 9 फुट 3 इंच विवरण
इस पूर्वाभिमुख मन्दिर' का उल्लेख श्री कनिंघम और श्री साहनी ने मन्दिर संख्या दो के रूप में किया है। उन्होंने मन्दिर संख्या एक के रूप में किसी मन्दिर का उल्लेख नहीं किया, यह एक समस्या है। वर्तमान मन्दिर संख्या एक के दक्षिण में 9 फुट की दूरी पर लगभग 35 फुट 6 इंच x 40 फुट का एक अधिष्ठान' रहा प्रतीत होता है, जो श्री कनिंघम के समय अच्छी हालत में रहा होगा। इसे उन्होंने माना तो मन्दिर संख्या एक होगा परन्तु कुछ विशेष न होने से उसका उल्लेख न किया होगा। इस भग्न अधिष्ठान के ऊपर दो स्तम्भ और एक तथाकथित मानस्तम्भ स्थित हैं, परन्तु ये सभी स्पष्ट ही बाद में स्थापित किये गये हैं।
यह पूर्वाभिमुख मन्दिर जो कभी 20 स्तम्भों पर आधारित रहा होगा अब चार-चार स्तम्भों की दो पंक्तियों पर (चित्र सं. एक) आधारित है। स्तम्भों पर एक
1. दे.-चित्र संख्या एक। 2. एक कनिंघम : आयोलाजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया रिपोर्ट्स (कलकत्ता, 1880), जि. 10,
पृ. 1041 3. दयाराम साहनी : एनुअल प्रोग्रेस रिपोर्ट आफ दी सुपरिण्टेण्डेण्ट, हिन्दू एण्ड बुद्धिस्ट मानुमेण्ट्स,
नार्दर्न सकिल (लाहोर, 1918), पृ. 9। 1. दे.-रेखाचित्र संख्या 371 5. ए. कनियम : आ. स. इ. रि., जिल्द 1(), पृ. 104 ।
स्मारक:: 39
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