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________________ (3) आधुनिक-शोध-कार्य भारत सरकार की ओर से पुरातत्त्व विभाग के अधिकारी श्री माधव स्वरूप वत्स ने यहाँ कई माह रहकर ‘दशावतार-मन्दिर' का शोधपूर्ण और सचित्र विवरण लिखा जो 1952 ई. में प्रकाशित हुआ। 1958 ई. में श्रीमती माधुरी देसाई ने भी उक्त मन्दिर के सम्बन्ध में एक सचित्र पुस्तिका लिखी।' सर्वश्री डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन, डॉ. उमाकान्त प्रेमानन्द शाह, डॉ. कामता प्रसाद जैन, डॉ. हीरालाल जैन, डॉ. क्लाज़ ब्रून' और पं. परमानन्द जैन शास्त्री आदि ने विभिन्न ग्रन्थों और लेखों में देवगढ़ पर टिप्पणियाँ दीं। 1962 ई. में प्रो. कृष्णदत्त वाजपेयी का एक शोधपूर्ण सचित्र निबन्ध प्रकाशित हुआ' जिससे देवगढ़ की कला और संस्कृति को समझने में सहायता मिलती है। उनकी दो पुस्तकों 'युग-युगों में उत्तर प्रदेश' तथा 'उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक इतिहास'10 में भी देवगढ़ के विवरण हैं, इनके अतिरिक्त विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी उन्होंने देवगढ़ पर 1. मेम्वायर ऑव द आ. स. इ., संख्या 70 (देहली, 1952 ई.)। 2. द गुप्ता टेम्पल एट देवगढ़, प्रका. भूलाभाई मेमोरियल इंस्टीट्यूट, वम्बई। 3. (अ) जैन सिद्धान्त भास्कर, भाग 22, किरण एक (जून, 1957 ई.), पृ. 12-2' 'देवगढ़ और उसका कला वैभव।' (ब) वीर (अधिवेशन विशेषांक), वर्ष 31, अंक 17-18 (मई 1956), पृ. 41-47 ‘प्राचीन भारत का वैभव देवगढ़' । (स) भारतीय इतिहास : एक दृष्टि (काशी, 1961 ई.), पृ. 146-47, 160-61, 174-75 देवगढ़ सम्बन्धी विवरण। 4. स्टडीज इन जैन आर्ट (बनारस, 1955 ई.), पृ. 15, 20, 21, 23, 61, 95 तथा 114 पर देवगढ़ सम्बन्धी उल्लेख एवं चित्र फलक 15 आ. 39, फ. 16 आ. 13, फ. 17 आ. 16, फ.17 आ 47 और फ. 22 आ. 56। 5. जैन तीर्थ और उनकी यात्रा, प्रका., मन्त्री, भा. दि. जैन परिषद् पब्लिशिंग हाउस, देहली, 1962 ई., देवगढ़ का परिचय, पृ. 145-54 1 6. (अ) प्रस्तावना : संयुक्त प्रान्त के प्राचीन जैन स्मारक (इलाहावाद, 1923 ई.)। (व) भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान, प्रका.-म. प्र. शासन साहित्य परिषद् (भोपाल, 1962 ई.) पृ 327-28, 347-48, 353, 355, 357-58 तथा 361 एवं चित्र पृ. 391-93 और 395 । 7. (क) देवगढ़ के जैन मन्दिर : वीर (अधिवेशन विशेषांक), (मई, 1956 ई.), पृ. 57-61। (ख) लेक्चर रैड एट द मेला एट देवगढ़ (1456)। (ग) मध्यप्रदेश के जैन तीर्थ : देवगढ़', जैनयुग, मई 1959 ई.। 8. (अ) मुनि श्री हजारीमल स्मृति ग्रन्थ (व्यावर, 1965 ई.) में 'मध्य-भारत का जेन पुरातत्त्व' (पृ. 698-712) शीर्षक निबन्ध में देवगढ़ का परिचय, पृ. 702-705 । (व) अनेकान्त, वर्ष 19, कि. 1-2 (अप्रैल-जून, 1966), पृ. 58-62 पर देवगढ़ का विवरण । 9. देवगढ़ की जैन प्रतिमाएं: अनेकान्त, वर्ष 15, कि. । (अप्रैल, 1962 ई.), पृ. 27 और 30; 10. वह पुस्तक सन् 1954 ई. में इलाहाबाद से प्रकाशित हुई। 26 :: देवगढ़ की जैन कला : एक सांस्कृतिक अध्ययन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002774
Book TitleDevgadh ki Jain Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size10 MB
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