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10. (क) जैन मन्दिर संख्या एक के मण्डप में प्राप्त-चौथी ओर। (ख) दस
पंक्तियाँ। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) ज्येष्ठ सुदी एकम, संख्या 1113 । (ङ) स्तम्भनिर्माण का वर्णन। इस पर कल्याणसिंह ने अभिलेख उत्कीर्ण
कराया। 11. (क) जैन मन्दिर संख्या एक में कायोत्सर्ग तीर्थंकर मूर्ति। (ख) दो
पंक्तियाँ। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) संवत् 1095। (ङ) आर्यिका
इन्दुआ द्वारा मूर्ति प्रदान करने का विवरण। 12. (क) जैन मन्दिर संख्या एक की दीवार का शिलाफलक। (ख) एक
पंक्ति। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) अज्ञात। (ङ) माधविनी ठकुरानी
जसदेवी इन्द्रपई के नाम का उल्लेख है। 13. (क) जैन मन्दिर संख्या एक के उत्खनन कार्य में प्राप्त तीर्थंकर मूर्ति ।
(ख) दो पंक्तियाँ। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) अज्ञात। (ङ) किसी
महिला द्वारा प्रणाम। 14. (क) जैन मन्दिर संख्या दो में विद्यमान बाहुबली की कायोत्सर्ग मूर्ति । (ख)
एक पंक्ति। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) अज्ञात । (ङ) यह गोम्मट की
मूर्ति है, ऐसा उल्लेख है। 15. (क) जैन मन्दिर संख्या दो में विद्यमान चार फुट पाँच इंच ऊंची पद्मासन
मूर्ति । (ख) एक पंक्ति । (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) संवत् 1052 । (ङ)
दाता का नाम उत्कीर्ण है। 16. (क) जैन मन्दिर संख्या दो में विद्यमान चार फुट आठ इंच ऊँची पद्मासन ___ मूर्ति । (ख) एक पंक्ति। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) संवत् 1023 । (ङ)
अस्पष्ट। 17. (क) जैन मन्दिर संख्या दो के निकट प्राप्त आदिनाथ-मूर्ति का पादपीठ ।
(ख) एक पंक्ति। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) अज्ञात। (ङ) श्री लोकनन्दिन् के शिष्य पण्डित गुणनन्दिन् द्वारा आदिनाथ की इस मूर्ति की
स्थापना कराये जाने का विवरण दिया गया है। 18. (क) जैन मन्दिर संख्या दो के निकट प्राप्त एक भग्न स्तम्भ (ख) दो
पंक्तियाँ। (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) अज्ञात। (ङ) जिनेन्द्र भगवान्
(तीर्थंकर) की चरणपादुका निर्माण कराने का विवरण। 19. (क) जैन मन्दिर संख्या दो के निकट प्राप्त उपर्युक्त स्तम्भ (दूसरी ओर)।
(ख) दो पंक्तियाँ । (ग) संस्कृत, देवनागरी। (घ) अज्ञात। (ङ) कीर्त्याचार्य
के नाम का उल्लेख है। 20. (क) जैन मन्दिर संख्या तीन में स्थित सिरहीन कायोत्सर्ग तीर्थंकर मूर्ति
274 :: देवगढ़ की जैन कला : एक सांस्कृतिक अध्ययन
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