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________________ जानेवाले अभिलेखों के स्थान राजधानी, प्रशासनिक इकाइयों के मुख्य नगर, राजनीतिक महत्त्व के केन्द्र और सामाजिक या सार्वजनिक समारोहों के स्थान होते थे। धार्मिक दृष्टि से उत्कीर्ण कराये गये अभिलेख मन्दिरों, मूर्तियों, स्तम्भों, शिलाखण्डों और धातु-पट्टिकाओं आदि पर मिले हैं, जो तीर्थ-स्थान, सांस्कृतिक-केन्द्र और समारोह-स्थल आदि से सम्बन्ध रखते हैं। कुछ अभिलेखों का उद्देश्य वैयक्तिक होता था, जिनमें किसी शासक, आचार्य और कवि आदि की प्रशस्ति, दानघोषणा या स्मृति आदि का उल्लेख रहता है। ऐसे अभिलेख सम्बद्ध व्यक्ति के निवास, शैलगृह, राजधानी, जयस्कन्धावार या सार्वजनिक महत्त्व के स्थानों पर उत्कीर्ण कराये जाते थे। 3. अभिलेखों के अवसर अभिलेख दानघोषणा, धर्मोत्सव, विजययात्रा, सामाजिक कार्यक्रम और व्यापारिक तथा राजनीतिक घटनाओं के अवसरों पर उत्कीर्ण कराये जाते थे। कभी-कभी मन्दिर, भवन, स्तम्भ, कूप और तड़ाग आदि के निर्माण या जीर्णोद्धार के समय भी अभिलेख उत्कीर्ण कराये जाते थे। 4. देवगढ़ के अभिलेखों का अध्ययन प्रस्तुत भूमिका के परिप्रेक्ष्य में देवगढ़ के अभिलेखों का अध्ययन करेंगे और यह भी देखेंगे कि प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति, कला और पुरातत्त्व के लिए उनका क्या योगदान है। (अ) बाह्य पक्ष 1. स्थान, उद्देश्य और अवसर : अधिकांश अभिलेख भित्तियों, स्तम्भों और मूर्तियों पर उत्कीर्ण हैं, कुछ शिलाओं पर भी अंकित हैं और कुछ (जैनेतर) वेत्रवती के तट पर निर्मित गुफाओं में और पर्वतशिलाओं पर प्राप्त हुए हैं। चूँकि सभी का उद्देश्य धार्मिक था इसलिए वे सभी मन्दिरों में या उनके आसपास ही उत्कीर्ण कराये गये हैं। पर्वतशिलाओं पर प्राप्त कुछ अभिलेखों का उद्देश्य धार्मिक नहीं है। अधिकांश अभिलेख दान के अवसर पर उत्कीर्ण कराये गये हैं। कुछ मन्दिरों और स्तम्भों के निर्माण और कुछ उनके जीर्णोद्धार तथा कुछ धार्मिक उत्सवों के अवसर पर अंकित किये गये हैं। 2. वर्गीकरण : देवगढ़ के अभिलेखों को मुख्य रूप से चार वर्गों में विभक्त किया जा सकता है : 1. दानसूचक, 2. स्तुतिपरक, 3. स्मारक और 4. अन्य। 252 :: देवगढ़ की जैन कला : एक सांस्कृतिक अध्ययन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002774
Book TitleDevgadh ki Jain Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size10 MB
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