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________________ प्रसिद्ध तथ्य बन सके, इसके लिए इन देव-देवियों की अद्भुत और चमत्कारपूर्ण कहानियाँ रची गयीं, जिनमें से अधिकांश का सम्बन्ध तीर्थकरों के जीवन से जोड़ा गया। फिर इन कहानियों के आधार पर सम्बद्ध देव-देवियों की मूर्तियों में तदनुरूप विशेषता लायी जाने लगी। उदाहरण के लिए - पद्मावती' के साथ सर्प दिखाया गया," अम्बिका के साथ दो बालक और आम का वृक्ष निर्मित हुआ तथा 1. महाकाली नामक (आठवीं) विद्यादेवी ने अपने वाहन के रूप में पुरुष को स्वीकार किया। दे. - वास्तुशास्त्र, पृ. 275 1 2. ( अ ) येष्टुं कुर्कटसर्पगा त्रिफणकोतंसा द्विषो यात षटूपाशादिः सदसत्कृते च धृतशंखास्पादिदो अष्टका । तां शान्तामरुणां स्फुरच्छृणिसरोजन्माक्षव्यालाम्बरां, पद्मस्थां नवहस्तकप्रभुनतां यायज्मि पद्मावतीम् ॥ (व) पाशाद्यन्वितपड्भुजारिजयदा ध्याता चतुर्विंशतिं । शंखास्यादियुतान्करांस्तु दधती या क्रूरशान्त्यर्थदा । शान्त्यै साङ्कुशवारिजाक्षमणिसद्दानैश्चतुर्भिः करै युक्ता तां प्रयजामि पार्श्वविनतां पद्मस्थ पद्मावतीम् ॥ - नेमिचन्द्र देव : प्रतिष्ठा तिलक, परि. 7, पद्य 23 । (स) पाशांकुशी पद्मवरे रक्तवर्णा चतुर्भुजा । पद्मासना कुक्कुटस्था ख्याता पद्मावतीति च । - पं. आशाधर : प्र. सा. अ. 3, श्लोक 177। -भुवनदेवाचार्य : 3. दे चित्र सं. 106 110 तक। 4. (अ) सव्यैकाङ्क्षयुपगप्रियङ्करसुतं प्रीत्यै करैर्विभ्रती दिव्याम्रस्तवकं शुभंकरकरश्लिष्टान्यहस्ताङ्गुलिम् । सिंहे भर्तृचरेस्थितां हरितभामाम्रद्रुमच्छायगां वन्दारुं दशकार्मुकोच्छ्रयजिनं देवी महाम्बां यजे || Jain Education International (ब) धत्ते वामकटी प्रियंकरसुतं वामे करे मञ्जरी माम्रस्यान्यकरे शुभंकरतुजो हस्तं प्रशस्ते हरी ॥ आस्ते भर्तृचरे महाभ्रविटपिच्छायं श्रिताभीष्टदा । यासी तां नुतनेमिनाथपदयोर्नग्रामिहाम्रां यजे ॥ (स) हरिद्वर्णा सिंहसंस्था द्विभुजा च फलं वरम् ! पुत्रेणोपास्यमाना च सुतोत्संगा तथाम्विका || अपराजित पृच्छा, 568 I - पं. आशाधर : प्र. सा., 3-166 - नेमिचन्द्र देव : प्र. ति., 7-22 | " For Private & Personal Use Only -भुवनदेवाचार्य: अपरा, पृ. 368 मूर्तिकला : 145 www.jainelibrary.org
SR No.002774
Book TitleDevgadh ki Jain Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagchandra Jain Bhaskar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Art
File Size10 MB
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