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न होगा। कुछ मानस्तम्भ स्पष्ट रूप में स्थानान्तरित किये गये ज्ञात होते हैं। यह कहने में संकोच नहीं होना चाहिए कि देवगढ़ मानस्तम्भों की दृष्टि से उतना महत्त्वपूर्ण स्थान नहीं है, जितना मन्दिरों और मूर्तियों की दृष्टि से । तथापि मानस्तम्भ क्रमांक ग्यारह (चित्र संख्या 45), बारह (चित्र संख्या 46), तेरह (चित्र संख्या 47)
और सत्रह (चित्र संख्या 48) को कलागत सूक्ष्मता की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मानना चाहिए। मानस्तम्भ क्रमांक सत्रह (चित्र संख्या 48) आदि प्राचीनता की दृष्टि से भी उल्लेखनीय हैं।
स्थापत्य :: 119
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