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जंबूदीवपण्णत्तिकी प्रस्तावना
इसे ग्रन्थकार ने = १०२४१९८३४८७
। १०९७६० लिखा है।......(८) इसके पश्चात् आठो पृध्वियों के अधस्तन भाग में वायु से अवरुद्ध क्षेत्रों के घनफल निकाले गये हैं जिनकी गणना मूल में स्पष्ट है । समस्त पृथ्वियों के अधरतन भाग में अवरुद्ध क्षेत्रों का कुल घनफल ४९ वर्ग राजुx (१०९२००० योजन) होता है जिसे ग्रंथकार ने = १०९२००० स्थापित किया है .IV
आठ पृथ्वियों का भी कुल घनफल मूल में बिलकुल स्पष्ट है जो ४९ वर्ग राजुx (१३६६४०५६ योबन) है, जिसे......V
ग्रन्थकार ने = ४३६६४०५६ लिखा है। जब III, IV, और V के योग को सम्पूर्ण लोक (=) में से घटाते हैं तो अवशिष्ट शुद्ध आकाश का प्रमाण होता है । उसकी स्थापना बो मूल में की गई वह स्पष्ट नहीं है । आकृति-२. देखिये ।
यहां एक उल्लेखनीय बात यह है कि सिकन्दरिया के हेरन ने (प्रायः ईसा की तीसरी सदी में ) वेत्रासन सदृश सांद्र ( wedge shaped solid, Bouloxo0, 'little altar' ) के घनफल
को लाभग उपर्युक्त विधियों द्वारा प्राप्त किया है। यदि नीचे का आधार माहीत-२१ ' और 'b' भुजाओंवाला आयत है तथा ऊपर का मुख '०' और 'd' भुजाओवाला आयत है तो उत्सेध '' लेने पर पनफल निकालने का सूत्र यह है
{. (a+c) (b+d)+7 (a-०) (b-d)}h
यह घनफल, वेत्रासन को समान्तरानीक (parallelepiped ) और त्रिभुब. संक्षेत्र ( triangular priem ) में विदीर्ण कर, प्राप्त किया गया है।
पुनः बेबीलोनिया में, प्रायः ३००० वर्ष पूर्व, पृथ्वी माप के (Yeuperpta) विषय में उपर्युक्त विवरण से सम्बन्ध रखनेवाला चतुर्भुज क्षेत्र सम्बन्धी अभिमत कुलिन के शब्दों में यह है ।
"When four measures are given the area stated is in every case greater than possible no matter what the shape, de la Fuye explains this by the ingenious hypothesis that the Babylonians used for area in terms of sides the incorrect formula F=1(a + a') (b + b). This gives the correct result only in the case of the rectangle. It is ourious that we find the same incorrect formula in an Egyptian inscription that scarcely antedated the christian era,
Heath, Groek Mathematios, vol (ii) p. 333, Edn, 1921. Coolidgo, A History of Geometrical Mothods, p. 5, Edn. 1940.
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