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एक्कारसमो उद्देसो
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एकं च तिण्णि तिणि य छह सुण्णं छके दोणि तिण्णेगं । एचदुदोणिएक्कं धादगिसंडम्हि गणितपदं ॥ वरवज्जमया वेदी धादगिसंडस्स होहणायब्वा । चउगोउरसंजुत्ता चउदसवरतोरणुत्तंगा ॥ ४२ धादगिसंह दीवं उदधी कालोदमो परिक्खिवदि । सो अट्ठसयसहस्सा विस्थिण्णो चक्कवालम्हि ॥ ४३ कालसमुहप्पहुदी बोद्धम्या होति टंकछिण्णाओ । उम्वेधेण सहस्सं पादाला व तत्थस्थि ॥ ४४ इगिणउदिसदसहस्सा सपरिसहस्साइ छस्सदा णेया । जोयणपंचबमाहिया परिही कालोदए दिट्ठा ॥ ४५ पंच तियं बारसयं बावट्ठी छक्क तह य छादालं' । णव सुण्णं बासीदं कालयणामम्हि गणितपदं ॥ ४६ छावा? अडदालं अट्ठहिँ सत्ससीदिमसिदि च । पण्णासं च चउक्कं हवदि य कालोदधीसंखा ॥ ४७ जंबूदीवो भणिदो जावदियं चावि खेत्तगणिदेण । छच्चेव सदा बावतरं च कालोदधिं जाणे ॥ ४८ गंगादीणदियाणं हिमवंतादी तहेव सेलाणं । ताणभिमुहेण हाँति य कुमाणुसाणं महादीवा ॥ १९ वणवेदिएहि जुत्ता वरतोरणमंडिया मणभिरामा । कालोदयम्मि दीवा णिहिट्टा सव्वदरिसीहि ॥ ५०
तीन, छह, शून्य, छह, दो, तीन, एक, एक, चार, दो और एक (१३३६०६२३१११२१) इतने योजन प्रमाण [ जम्बूद्वीप व लवणसमुद्रसे संयुक्त ) धातकीखण्डका क्षेत्रफल है ।। ४१॥ धातकीखण्डका उत्तम वज्रमय वेदी चार गोपुरोंसे संयुक्त और उत्तम चौदह तोरणोंसे उन्नत जानना चाहिये ॥ १२ ॥ धातकीखण्ड द्वीपको कालोद समुद्र वेष्टित करता है । वह मण्डलाकारमें आठ लाख योजन विस्तीर्ण है ॥ ४३ ॥ कालोद समुद्र आदि आगेके समुद्र टांकीसे उकेरे हुएके समान जानना चाहिये । ये एक हजार योजन गहरे हैं तथा उनमें पाताल नहीं हैं ॥४४॥ कालोदक समुद्रकी परिधि इक्यानबै लाख सत्तर हजार छह सौ पांच (९१७०६०५) योजन प्रमाण निर्दिष्ट की गई है ॥ ४५ ॥ कालोद समुद्रका क्षेत्रफल पांच, तीन, बारह, बासठ, छह, छयालीस, नौ, शून्य और ब्यासी (५३१२६२६४६९०८२ ) इतने योजन प्रमाण है ॥ १६ ॥[जबूद्वीपादिके क्षेत्रफलसे युक्त ] कालोद समुद्रका क्षेत्रफल छयासठ, अड़तालीस, अड़सठ, सतासी, अस्सी, पचास और चार ( ६६४८६८८७८०५०४) इतने योजन प्रमाण है ॥ १७॥ जम्बूद्वीपके क्षेत्रफलका जितना प्रमाण कहा गया है उसकी अपेक्षा कलेोद समुद्रका क्षेत्रफल छह सौ बहत्तरगुणा जानना चाहिये ।। १८ ॥ गंगादिक नदियों तथा हिमवान् आदि शैलोंके अभिमुख कुमानुषोंके महा द्वीप हैं ॥१९॥ कालोद समुद्र में स्थित ये द्वीप सर्वदर्शियोंके द्वारा वन-वेदियोंसे संयुक्त, उत्तम तोरणोंसे मण्डित और मनको अभिराम निर्दिष्ट किये गये हैं ॥ ५० ॥ कालोद समुद्रस्थ इन द्वीपोंमें स्थित कुमानुष
उश मिनि. २ उ श चेक. ३ उ श तिणेक्को. उ शक्क. ५ क ब संडेहि. ६ कब भादगिसंडो दीवो उदर्षि कालोदयं परिविखवदि. ७ उ श कालसमबापहुदी, क कालसमुहप्पहुदि, व काळसमुदाप विं. ८ उश पादाले ण तवन्छि . ९ उ श सदसहस्सा य, (कप्रतो त्रुटितास्तीयं गाया). १० उश वादालं. १उकाळयणामो दुगणितपदंशकालयणामो दुगणिएपदं.
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