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जंबूदीवपण्णत
[ ८. ४२
इंददिखाए देखो णामेण मंगळावतो । विविहवरगामजुतो होह महाजणवयाइण्णो ॥ ४२ घणघण्णसंपरिउडो गयरायरमंडिओ मणभिरामो | पट्टणमडंबेपउरो रयणदीवेहि कयसोहो ॥ ४३ रत्ताणदिसंजुतो रत्तोदावाहिणीसमाजुत्तो । वेदवसिहरिमज्झो सोइइ सो' जणवदो' रम्मो ॥ ४४ सहसेहिं चउदसेहि य नदीहि दुगुणाहि सुद्धकयसीमो । काणणत्रणेहि दिम्यो वणित्रवीहि रमणीभो ॥ ४५ देसम्म तम्मि यरी' कामेण य तह य होड़ मंजूसा । मणिकं चणघरणिवा जिणभवणविहूसिया रम्मा ॥४६ तियतिगुणा विक्खंभा छहुगुणा जोयणा हु आयामा | कंधणपायारजूदा मणितोरणमंडिया दिव्या ॥ ४७ पुवेण तदोतुं पंकवादी णामदो नदी होइ । वणवेदिएहिं जुत्ता वरतोरणमंडिया दिव्वा ॥ ४८ अट्ठावीसाहिं तदा सहस्वगुणिदाहि वेदिणिवद्दाद्दि । वरतोरणमुत्ताहि य खुल्लगसरियाहि संजुता ॥ ४९ एसा विभंगसरिया णिस्सरिणं तदेव कुंडादो । सीदासलिलं पविसइ तोरणदारेण दिग्वेण ॥ ५० सत्तासीदा जोयण सयं च बेकोससमदिरेगा" य । जाण विभंगणदीर्ण तोरणदाराण उच्छेषं ॥ ५१
मंगलावर्त नामक देश है । यह रम्य देश विविध प्रकारके उत्तम ग्रामोंसे युक्त, महा जनपदोंसे व्याप्त, धन-धान्यसे सहित, नगरों व आकरोंसे मण्डित, मनको अभिराम, पट्टन
बोकी प्रचुरता से युक्त, रत्नद्वीपोंसे शोभायमान, रक्ता और रक्तोदा नदियोंसे संयुक्त तथा मध्यमें स्थित वैताढ्य पर्वतसे सहित होता हुआ शोभायमान है ॥ ४२-४४ ॥ उस देशमें दुगुणित चौदह अर्थात् अट्ठाईस हजार नदियोंसे शोभायमान, कानन व वन से दिव्य और बप्रिण एवं वापियोंसे रमणीय है ॥ ४५ ॥ उस देशमें मंजूषा नामक नगरी है। यह नगरी मणि एवं सुवर्णमय गृहसमूहसे संयुक्त, जिनभवनोंसे विभूषित, रम्य, त्रिगुणित तीन अर्थात् नौ योजन विष्कम्भवाली, दुगुणित छह अर्थात् बारह योजन आयत, सुवर्णमय प्राकारसे युक्त, दिव्य और मणिमय तोरणोंसे मण्डित है ॥ ४६-४७ ॥ उसके पूर्वमें जाकर पंकवती नामकी नदी है । यह नदी वन व वेदियों से युक्त, उत्तम तोरणोंसे मण्डित, दिव्य और वेदियों के समूहों से तथा उत्तम तोरणोंसे युक्त ऐसी अन्य अट्ठाईस हजार क्षुद्र नदियोंसे संयुक्त है ॥ ४८-४९ ॥ यह विभंगा नदी उसी प्रकार कुण्डसे निकलकर दिव्य तोरणद्वारसे सीतानदी के जलमें प्रवेश करती है ॥ ५० ॥ विभंगा नदियोंके तोरणों का उत्सेध एक सौ सतासी योजन और दो कोश जानना चाहिये ॥ ५१ ॥ उक्त तोरणद्वारोंका आयाम
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[च] जिनबदो.
२ प व मंडव. ३ उ रा दीबहि. ४ उ प ब श मझे. ५ श णे. ६ प उश सिद्धुक्यसिंमो. ८ उश देसम्म नयरी. ९ उश सरिसाहि, प..., व सरहाि १० प श तोसा. ११ उा वेकोसीमीधरेया.
१ ब
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