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चउत्यो उद्देसो
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संदुकुंवधवकं णाणाहरणेहि मंडियं दिव्वं । घंटारणंतकक्खं तारायणभूसियं कुंभं ॥ २५४ वसीसवरमुहाणि य कंधणमणिरयणदामणिवहाणि । एगेगदिसामागे णापम्वा तस्स णागस्स ॥ २५५ एफ्केक्कम्मि मुहम्मदु मणिकंचणमंछिदम्मि दिवम्मि । भट्ट धवलदंता गाणामणिरयणपरिणामा ॥ एक्केषकम्मि य दंते एक्केक्का सरवरा विमलतोया । एक्केक्कसरवरम्मि दु एक्केक्का कमलगच्छाणि ॥ एगेगकमलसंडे एगेगविचिसवेदिसंजुत्ता । एगेगदिसाभागा एगेगा तोरणा रम्मा ॥ २५८ पगेगम्मि य गच्छे बत्तीसा वियसिया महापउमा । पउमेसु तेसु णेया णाटयसंगीयरमणीया ॥ २५९ एगेगकमलकुसुमा एगेगा जोयणा सुरभिगंधा । मणिकंधणपरिणामा जमराण विउम्मणा दिया ॥ २१. एगेगकमलकुसुमे एगेगा गाडया मुणेयत्रा । एगेगणाध्यम्मि य मच्छरसा होति बत्तीसा ॥२१॥ इटाणि पियाणि तहा कंताणि य कोमलाणि रूवाणि । घिउरुम्विऊण पहुसो गचंति भणीवमगुणत ॥ समतालकंसतालं वरवीणाविधिहवंसवामिस्सं । वरमुरवसहगहिरं गहुँ' णचंति देवीओ ॥ २३३ .
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धवल, माना आभरणोंसे मण्डित, दिव्य तथा घंटाके शब्द युक्त कक्षा ( हायो पेटपर बांधनेको रस्सी) वाला उसका कुम्भस्थल तारागणों ( धवल बिन्दुओं ) से भूषित होता है ॥२५॥ उस हार्थोके एक एक दिशाभागमें सुवर्ण, मणि एवं रत्नाकी मालाओंके समूहसे संयुक्त बत्तीस उत्तम मुख होते हैं ॥ २५५ ॥ मणि और सुवर्णसे मण्डित एक एक दिव्य मुखमें नान। मणियों एवं रत्नोंके परिणाम रूप आठ आठ धवल दांत होते हैं ॥ २५६ ॥ एक एक दांतपर निर्मल जलसे परिपूर्ण एक सरोवर और एक एक सरोवरमें एक एक कमल. समूह होता है ।। २५७ ॥ एक कमलसमूहमें एक एक विचित्र वेदीसे संयुक्त एक एक दिशाभागमें स्थित एक एक रमणीय तोरण होता है ॥ २५८ ॥ एक एक गच्छमें विकसित बत्तीस महापद्म होते हैं । उन पोपर नाट्य व संगीतसे. रमणीय तथा एक एक योजन प्रमाण फैलनेवाली सुरभि गन्धसे संयुक्त एक एक कमल पुष्प होता है। मणियों एवं सुवर्णके परिणाम रूप ये दिव्य पुष्प देवोंकी विक्रिया रूप होते हैं । २५९-२६०॥ एक एक कमलकुसुभपर एक एक नाट्यशाला और एक एक नाट्यशालामें बत्तीस अप्सरायें होती है ॥ २६१ ॥ ये अप्सरायें इष्ट, प्रिय, कान्त तथा कोमल रूपोंकी विक्रिया कर अनुपम गुणोंसे युक्त बहुत प्रकारसे अभिनय करती हैं ॥ २६२ ॥ उक्त देविया समतालसे युक्त कांस्यताल, उत्तम वीणा और विविध प्रकारकी वांमुरियोंस मिश्रित तथा उत्तम मृदंगके शब्दसे गम्भीर नाट्यका अभिनय करती हैं ॥ २६३ ॥ जहां दक्षिण इन्द्र ( सौधर्म ) की बहुतसी
१७श णाणाहरिणेहि, २उश दामणिहाणि,प....बदामणिव होमि.३पब एगेगकमलकममे. उश णडया, प....,बड्या. ५ उ अकरम होति, पब अच्छरसाइति. उश बाम्मिसं. ७उन
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