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अंदीवपणतिकी प्रस्तावना
यहां आतप क्षेत्र का क्षेत्रफल सूत्रानुसार निम्न लिखित होगाक्षेत्रफल मच छ%=(त्रिज्या)२४(कोण रेडियन माप में)
= ३९८३३३३३) २. .
= ३(८३३३३३) २.६ T का मान /१० लेने पर, ग्रंथकार ने इस क्षेत्रफल को प्रायः ६५८८.७५०००० वर्ग योजन निश्चित किया है। इसी प्रकार तिमिर क्षेत्र मचब का क्षेत्रफल
१९८३३३३३). होता है। का मान०लेकर यह प्रमाण प्रायः ४३९२०५०००० वर्ग योजन होता है।
३४३वी गाथा के बाद विशेष विवरण में ताप क्षेत्र निकालने का साधारण सूत्र दिया गया है। किसी विशिष्ट दिन, जिसमें M मुहुर्त हो, बब कि सूर्य nवीं बीथी पर स्थित हो तब P परिधि पर तापक्षेत्र निकालने के लिये निम्न लिखित सूत्र है।
or radial velocity) या अरीय दिशा में हमसे दूर होती जा रही हैं। जैसे २३,०००,०००
ल प्रति सेकण्ड की गति से दृष्टिरेखा में, और १०५,०००,००० प्रकाश वर्ष दूर की नीहारिकाएं प्रति सेकण्ड १२,००० मील प्रति सेकण्ड की गति से दृष्टिरेखा में हमसे दूर होती जा रही हैं।
सन् १७५० में दूरबीन की सहायता से नीहारिकाओं के प्रदेश का आवरण हटा और गठित गोल पुंज (compaotglobular oluster), चपटे होते जानेवाले अनेन्द्रब की भांति (Hattening ellipsoidal) और असमापन कुन्तल (unwinding spiral) नीहारिकाएं दृष्टिगोचर हुई, जिनमें औसत नीहारिका हमारे सूर्य से चमक में ८५००००००गुनी तथा मात्रा में १०००००००००० गुनी निश्चित हुई, जहां दिखनेवाली धुंधलाहट, उसकी दूरी के अनुसार थी। हमारी आकाशगंगा एक पुरानी असमापन कुन्तल नीहारिका निश्चित की गई जिसकी अंतर्तारीय वरिमा ( interstellar space) में विभिन्न प्रकार की वायु के बादल और धूल होने से आकाशगंगा के हृदय और धारा (edge ) में स्थित नीहारिकाओं की ऊर्जाएँ ( energy ) बड़े परिमाण में हम तक पहुँचने से रुक गई। यह भी देखा गया कि वरिमा (space) के किसी निश्चित क्षेत्र में नीहारिकाओं की संख्या दरी के अनुसार समरूप से बढ़ती है।
वैज्ञानिकों ने फिर नीहारिका के विषय में आधुनिक दूरबीन से चार प्रकार के माप प्राप्त किये। ये क्रमशः आभासी महत्ता (apparent magnitude), विस्थापन महत्ता (displacement magnitude), संख्या महत्ता ( number magnitude) और रंग विस्थापन न्यास ( oolour displacement data) हैं। इस प्रकार प्राप्त न्यासों से उन्होंने सम्भव ब्रह्माण्डों के विषय में सिद्धान्तों के परिणामों की तुलना कर उन्हें सुधारने का प्रयास किया। उनके सम्भव ब्रह्माण्डों की एक झलक निम्न लिखित संकलित अंग्रेजी अवतरणों से अधिक स्पष्ट हो जावेगी क्योंकि उसके अनुवाद से शायद कुछ ति हो जावे।
"With the relativist cosmologiat's postulations that the geometry of space is determined by its contents & that all cbservers regardless of locations, 808 the same general picture of the Universe, it is proved mathematically that either the universe is unstable, expanding or contracting. Another aspect of such universo depends upon the curvature calculated. When redshifts are interpreted as velocity shifts, curvature is taken positive ensuring a closd space, finito volume and a definite universe at a
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