________________
नगरी में निवासादि किया है। तो, इन तीनों की एकमूर्ति कैसे हो सकती है ? अर्थात् न हो सके ।
भावार्थ
P
पुराणों में कहा है कि - ब्रह्माजी मथुरा नगरी में जन्मे हैं, महेश्वर राजगृही नगरी में जन्मे हैं, एवं विष्णु (कृष्ण) द्वारका नगरी में रहने वाले थे । तो एक मूर्ति इन तीनों की कैसे हो सकती है ? भिन्न-भिन्न स्थानों में जन्म लेने वाले की मूर्ति भिन्न ही हो सकती है । एक नहीं हो
सकती ।। २६ ॥
अवतरणिका
-
यानभेदेनाऽपि मूतिभेदमाह
[ ३० ]
-
मूल पद्यम् -
हंसयानो भवेद् ब्रह्मा, वृषयानो महेश्वरः । तार्क्ष्ययानो भवेद् विष्णु-रेकमूर्तिः कथं भवेत् ?
Jain Education International
-0
अन्वयः
'ब्रह्मा हंसयानः भवेत्, महेश्वरः वृषयानः, विष्णुः तार्क्ष्ययानः भवेत्, एकमूत्तिः कथं भवेत् ?' इत्यन्वयः ।
श्रीमहादेवस्तोत्रम् —८५
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org