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________________ २४४/साध्वी प्रीतिदर्शनाश्री से कर्म का बाह्यस्वरूप भी शुभता-अशुभता का निश्चय करता है, क्योंकि प्रायः जैसे भाव अन्तर में होते हैं, वैसी ही क्रिया बाहर होती है। अन्तर की क्रिया शुभ हों, भाव पवित्र हों और बाहर प्रवृत्ति अशुभ हो- ऐसा प्रायः अपवाद स्वरूप होता है, उसे निर्दोष नहीं माना जा सकता है। सूत्रकृतांग (२१६१) में आर्द्रककुमार बौद्धों की एकांगी धारणा का निरसन करते हुए कहते हैं कि जो मांस खाता हो-चाहे न जानते हुए भी खाता हो, उसको पाप लगता ही है। हम जानकर नहीं खाते, इसलिए दोष नहीं लगता, ऐसा कहना असत्य नहीं तो क्या है? इससे स्पष्ट है कि जैनदष्टि में मनोवृत्ति के साथ ही कर्मों का बाह्यस्वरूप भी शुभता-अशुभता की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। मन में शुभभाव हों, तो पापाचरण सम्भव नहीं है।"४२७ प्रश्न उठता है कि शुभ कर्म कौन-कौन से हैं ? स्थानांगसूत्र २८ में शुभकर्म के बीज नौ प्रकार के बताए गए हैं। “नव विहे पुण्णे पण्णते, अन्नपुण्णे, पाणपुण्णे, लयणपुण्णे, शयण पुण्णे, वत्थपुण्णे, मणपुण्णे, वइपुण्णे, कायपुण्णे, नमोकारपुणे"- इस प्रकार पुण्य नौ प्रकार का है। १. अन्नपुण्य - भोजन का दान देकर क्षुधार्त की क्षुधा- निवृत्ति करना; साधु एवं त्यागी आत्मा को अन्न, अर्थात् भोजन का दान देना- यह सुपात्रदान है और यह धर्म का कारण है, किन्तु अनाथ, अपंग, दरिद्र, असहाय, भूखे व्यक्ति को भूख से पीड़ित देखकर उसे भोजन देना अन्नपुण्य कहलाता है। अन्नदानियों में जगडूशाह, चंपाशाह, खेमाशाह जैन-इतिहास में प्रसिद्ध है। २. पानपुण्य - जल को जीवन भी कहा गया है और अमत भी। भूख लगने पर अन्न से तप्ति होती है, तो प्यास लगने पर जल से। तषा से पीड़ित व्यक्ति को पानी पिलाना पानपुण्य है। प्रत्येक कार्य में तीन बातों का विवेक रखना चाहिएअ. अनछाना जल नहीं पिलाना जल की बर्बादी नहीं करना जल पिलाने के साथ प्यासे के प्रति सद्भाव और शुभभाव रखना। ४२७. ४२८ जैनकर्म सिद्धान्त एक विश्लेषण - पेज २०१, डॉ. सागरमल जैन अभिनन्दन ग्रंथ ठाणांगसूत्र -नवन स्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002747
Book TitleYashovijayji ka Adhyatmavada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPreetidarshanashreeji
PublisherRajendrasuri Jain Granthmala
Publication Year2009
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size19 MB
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