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________________ रत्नाकरावतारिका में बौद्ध दर्शन के विविधि मंतव्यों की समीक्षा अध्याय 1 जैनदर्शन एवं न्याय-शास्त्र की विकास यात्रा भारतीय-दर्शनों में जैन-दर्शन का स्थान या वैशिष्ट्य - __भारतीय-चिन्तन में वेदों और विशेष रूप से उपनिषदों के काल से ही विविध दार्शनिक अवधारणाओं के बीज तो उपस्थित मिलते हैं, किन्तु उनमें दर्शनों के विभाजन की कोई चर्चा नहीं मिलती। सर्वप्रथम सांख्य-योग, न्याय-वैशेषिक तथा पूर्व-मीमांसा, उत्तर-मीमांसा के युग्मों के साथ पहले जैन फिर बौद्ध और चार्वाकों को सम्मिलित करके षट्दर्शनों की व्यवस्था हुई। उस काल तक सांख्य-योग, न्याय-वैशेषिक तथा पूर्व-मीमांसा, उत्तर-मीमांसा को तीन युग्मों के रूप में स्वीकार करके ही षट्दर्शन की अवधारणा बनी थी, किन्तु कालान्तर में आस्तिक और नास्तिक का भेद खड़ा करके छः आस्तिक-दर्शन और छ: नास्तिक-दर्शन माने गए। जब षट्नास्तिक-दर्शनों की बात आई, तो बौद्धों के चार दार्शनिक-संप्रदायों- सौत्रान्तिक, वैभाषिक, विज्ञानवादी और शून्यवादी को अलग-अलग करके उनके साथ जैन और चार्वाक को जोड़कर छ: नास्तिक-दर्शन माने गए, किन्तु दर्शन के क्षेत्र में नास्तिक और आस्तिक की यह अवधारणा समुचित नहीं थी, क्योंकि यदि हम ईश्वर को, सृष्टिकर्ता मानने वाले को आस्तिक कहते हैं, तो मीमांसा और सांख्य-दर्शन नास्तिक की कोटि में चले जाएंगे, क्योंकि ये दोनों स्पष्टतः, ईश्वर को सृष्टि-कर्ता नहीं मानते हैं। योग को चाहे सेश्वर माना भी जाए, किन्तु वहाँ भी ईश्वर के सष्टि-कर्त्तत्व का कोई उल्लेख नहीं है, अत:, ईश्वर के सष्टि-कर्त्तत्व की अवधारणा के आधार पर आस्तिक और नास्तिक का यह विभाजन सम्यक रूप से स्थिर नहीं हो पाया। दूसरी ओर, यदि हम पाणिनीय-सूत्रों के आधार पर यह मानें कि जो परलोक और पुनर्जन्म में आस्था रखते हैं, वे आस्तिक हैं, तो ऐसी स्थिति में जैन और बौद्धों को भी हमें आस्तिक की कोटि में ही रखना होगा। डॉ. मंगलचंद शास्त्री ने डॉ. महेन्द्रकुमार की जैन-दर्शन नामक पुस्तक की भूमिका में आस्तिक और नास्तिक के इस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002744
Book TitleBauddh Darshan ka Samikshatmak Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyotsnashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages404
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size19 MB
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