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महं-(मह्यम्-मम) मेरे को। महंततुंब०- ( महातुम्वकित.
पूर्णकर्णः) जिसके कान वडे और तुबे के जैसे
गोळ हैं। महाणसिणि- (महानसिकीम्)
रसोईघर में काम करने
वाली । महालियं-(महती) सारी
[रात ] | (प्राकृत में 'ल' प्रक्षिप्त
माणमाणिकं-(मानमाणिक्यम् )
मानरूप माणिक्य को। माणुम्माण° - (मान-उन्मान
प्रमाण-) शरीर के अवयवों की, योग्य लवाई और चौडाई-शरीर की
योग्य ऊंचाई और वजन। मा भाहि - ( मा भैषी:)
डरना नहीं। माम -(दे मातुल) मामा। मालुयाकच्छए - ( मालुका
कच्छके) एक प्रकार की अधिक फैलती हुई वल्ली[ देखो 'भ. म. नी धर्म
कथाओ' टि. २, क. २]। मालेसु-- (मालेषु) पहाड
जैसे अंचे जमीन के ___ भागों में । माहण- (ब्राह्मण) ब्राह्मण । मिच्छा-(मिथ्या) मिथ्या । मिरिय - (मरीच ) मरी । मिसिमिलेमाणे --- ( अनुकरण
शब्द) क्रोधाग्नि से मिसमिस करता हुमा ।
महुमहणस्स-(मधुमथनस्य)
मधुदैत्य को मारनेवाला
कृष्ण । महुरसमुल्लावगाति - (मधुर-
समुल्लापकानि) मधुर मधुर
वोलनेवाले । महेजा- (मथेयम् ) हैरान
करूं । मंजूसं--(मञ्जूषाम् ) वडी पेटी
को [गूजराती गजूस' मंतुं-(मन्तुम् ) क्रोध । मंसु-(श्म) दाढी छ ।
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