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मेष --- (भेद) दुद्धिमेद !
मइन्दो--(मृगेन्द्रः) सिंह । मइलिजन्तो-(मलिन्यमानः)
मलिन होता हुआ। सगतितेहिं - (दे०) हाथ में
येथे हुए। मगहापुरे--(मगधपुरे) मगध
देश की राजधानी में । मय्यया-(मागिता) चाही
सङ्गुली-(मङ्गला ) असुन्दर। मझमझेण- (मध्यमध्येन)
वीचवीच में । महो- (दे०) छोटा । मणय -- (मनाक्) अल्प। मणामे - देखो टि. १८,
मयवस° - (मदवश विकसत्कट
तटश्लिनगन्धमदवारिणा ) जिसके द्वारा मद के वश से खिले हुए गडतट गिळे हो गये हैं, ऐसे गंधवाले
मद के पानी से । मयंगतीरद्दहे--(मतङ्गतीरद्रह)
मतंगतीर नाम का द्रह [विशेष के लिये देखो . भ. म. नी धर्मकथाओं का
कोश] मरणभीइरं- (मरणभीरम् )
मरण से डरनेवाले को । मलायघंसी- (मलापध्वंसी)
मल को नाश करनेवाला। मल्लसंपुडोह - (मल्लसंपुटैः )
शराव से, कोडिये से। मलाव्हणं - (माल्यारोपणम् )
देव को माला चडानी । महइमहालियाए - (महाति
महत्यां) वही से वडी
[सभा ] में । महणम्मि -(मथने) मथन
करने में ।
सम्मणपयंपियाति - ( मन्मन-
प्रजाल्पितानि) वालक के
अन्यरत शब्द । मयगकिच्चाई -(मृतककृत्यानि)
मृत व्यक्ति के पीछे किये जानेवाले कार्य ।
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