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पृष्ट
(५) विषय
विषय स्त्रीपर्यायके दुःख
२८१-२८३ द्रौपदीके विषयमें लोकापवाद ३१६ गुणप्रभादिक कन्याओंसे धर्म
दूतका भाषण
३१६--३१७ राजाका विवाह
२८३-२८६
दुपदने प्रत्युत्तर दिया ३१७-३१८ पर्व चौदहवाँ
पाण्डवोंका कौरवादिकोंसे युद्ध ३१८-३२२ धर्मराजाके लिये भीम का पानी
द्रोणाचार्य पाण्डवोंका वृत्त लाना २८६-२८८ कहते हैं
३२२-३२३. भीम और विद्याधरका भाषण २८८-२९० अन्योन्य क्षमाप्रदान
३२३ भीम और हिडिंबाका विवाह और
दुर्योधनका शपथपूर्वक कथन ३२४-३२६ घुटुकका जन्म
२९१-२९२ द्रौपदीके शीलकी प्रशंसा ३२६-३२७ भीमकेद्वारा भीमासुरमर्दन २९२-२९३ __पर्व सोलहवाँ भीमसे बकराक्षसका मर्दन २९६-२९८ पाण्डवोंका इन्द्रपथादिकोंमें कुम्हारके घरमें पाण्डवोंका निवास २९९ निवास
३२८ कर्णराजाके हाथीको भीमने वश
पाण्डवोंसे दुर्योधनकी ईर्ष्या ३२९ किया
३००-३०१ कृष्णके साथ अर्जुनकी क्रीडा ३२९-३३० भीमका दिशानंदा राजकन्याके
अर्जुनके द्वारा सुभद्राहरण ३३०-३३३ साथ विवाह
३०१-३०२ यादवकुलकी कन्याओंसे पाण्डभीमके द्वारा जिनमंदिरोद्घाटन ३०३-३०४ वोंका विवाह
३३३ भीमको यक्षसे गदालाभ
खाण्डववनदाह
३३३-३३६ पर्व पंधरहवाँ
व्रतक्रीडाके दोष
३३७-३३८ गदाप्रदानकी कथा
३०६-३०९ | "द्रौपदीका घोर अपमान ३३८-३४१ पाण्डवोंका कुंभकारके घरमें
पर्व सतरहवाँ निवास
युधिष्ठिरकी स्वनिन्दा
३४१ द्रौपदीके विवाहार्थ स्वयंवरमंडप ३०९-३१२ भीलवेषधारी विद्याधरसे अर्जुनका खयंवरमंडपमें द्रौपदीका आगमन
युद्ध
३४२-३४४ और राजाओंकी नानाविध
विद्याधरका वृत्तनिवेदन ३४४--३४७ चेष्टायें
३१२-३१३ अर्जुनका रथनपुरम निवास ३४७ स्वयंवरागत राजाओंका परिचय ३१३--३१४ नारदागमन
३४८-३४९ राधावेधके कार्यमें दुर्योधन गलित
चित्रांगदसे दुर्योधनका बंधन ३४९-३५० गर्व हुआ
३१४--३१५ भानुमतीकी पतिभिशायाचना ३५०--३५२ अर्जुनके द्वारा राधावेध ३१५-३१६ । चित्रांगदार्जुन युद्ध ३५२-३५४
मालाभ
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