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विषय
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। उत्पात्त
विषय पराशरराजाका याचनाभंग १२४-१२५ । पाण्डुराजाका वैराग्यचिन्तन १७१-१७४ गाङ्गेयकी ब्रह्मचर्यप्रतिज्ञा १२५-१२६ सुव्रतमुनिका उपदेश १७४-१७७ गुणवतीकी जन्मकथा १२६-१२७ पाण्डुराजाका धृतराष्ट्रादिकोंको हरिवंशीयराजा सिंहकेतुकी कथा १२७-१३० उपदेश
१७७-१७९. पाण्डुराजाको विद्याधरने अंगुठी दी १३१-१३२ पाण्डुराजाका समाधिमरण तथा पाण्डुराजाका कुन्तीके महलमें
सौधर्मस्वर्गमें देवपदप्राप्ति १७९-१८२ प्रवेश
१३२-१३३ मद्रीका समाधिमरणसे स्वर्गवास कुन्ती पाण्डुको उसका वृत्त
तथा कुंतीका शोक १८२-१८६ पूछती है
१३३-१३६ धृतराष्ट्रको मुनिराजका उपदेश १८६-१८८ धायको कुन्तीका उत्तर १३७-१३८ मुनीश्वरने भविष्यत्कथन किया १८८-१९२ कुन्तीको धायकी फटकार १३८-१४०
पर्व दसवाँ धाय सच्चा वृत्तान्त कहती है १४०-१४१ कर्णकी उत्पत्ति
१४१-१४३
कौरव-पाण्डवोंको भीष्मने भानुराजाको कर्णकी प्राप्ति
राज्य दिया १४३-१४५
१९२-१९४ पर्व आठवाँ
भीम और कौरवोंकी क्रीडा १९४-१९६ कुन्तीके कानसे कर्ण उत्पन्न
भीमको विषादिसे मारनेका नहीं हुआ
दुर्योधनका विचार और प्रयत्न १९७-२०० सूर्यसे भी कर्णोत्पत्ति मानना मिथ्या है १४७
कूपमेंसे कन्दुक-निष्कासन २०१-२०२ पाण्डव-कौरवोंकी उत्पत्ति १४७-१४९
द्रोणाचार्यका विवाह और विवाहार्थ पाण्डुराजाका प्रयाण १४९-१५१
अश्वत्थामा की उत्पत्ति
२०३ शौरीपुरका वर्णन
कौवेके दाहिने चक्षुका वेध २०४-२०६
१५१-१५२ हस्तिनापुरके स्त्रियोंकी चेष्टायें १५३-१५६
अर्जुनको शब्दवेधी भीलका धृतराष्ट्र और विदुरका विवाह १५६-१५७
परिचय
२०७-२०८ धर्म, भीम तथा अर्जुनका जन्म १५८-१६३
भीलको द्रोणाचार्यका दर्शन २०९-२१३
द्रोणाचार्यको भीलने अपना मद्रीसे नकुल और सहदेवका जन्म १६३ गांधारी और धृतराष्ट्रको
हस्तांगुष्ठ दिया २१३-२१४ दुर्योधनादिक सौ पुत्र हुए १६३ पर्व ग्यारहवाँ पर्व नौवाँ .
वसुदेवकी उपवनक्रीडा और पाण्डुराजाका मद्रीके साथ
स्त्रियोंकी नाना चेष्टायें २१५-२१६ वन विहार
१६८-१७१ । वसुदेवका गंधर्वदत्तासे विवाह २१७
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