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विषय
पर्व पहला श्रीसिद्धपरमेष्ठीकी तथा वृषभादि
तीर्थकरों की स्तुति गौतमादियतीश्वरोका स्तवन सज्जनदुर्जनदुर्जन- वर्णन
व्याख्यानके छह प्रकार तथा श्रोताके लक्षण
कथाका लक्षण तथा उसके भेद
श्रीमहावीर - जिनचरित्र
वीरप्रभुका वैभार- पर्वतपर
धृतराष्ट्रादिकी उत्पत्तिका विचार
दुर्योधनादिकों की उत्पत्तिकथा पाण्डवोंकी तथा कर्णकी उत्पत्ति
कथा
श्रेणिकराजाने गौतम गणधर से
पाण्डवचरितके विषय में पूछे हुए प्रश्नोंका विवरण
भोगभूमिके कालका वर्णन इन्द्र द्वारा अयोध्याकी रचना और आदि भगवानका जन्म
विषयानुक्रमणिका
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२-३
४
४–६
६-७
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पुनरागमन
पर्व दूसरा श्रीगौतम गणधर की श्रेणिककृत स्तुति १८-२० अन्यमतीय पुराणों में पाण्डवोंकी कथा २०-२१
शान्तनराज के साथ योजन
गंधाका विवाह
१५-१८
२१-२२
२२
२२-२३
२३-२५
२५-२७
२७-२८
२८
विषय
आदि भगवानका जन्माभिषेक
२९
आदिप्रभुका विवाह और प्रजापालन ३० - ३१ आदिप्रभुने जीवनोपाय बताये नाभिराजने प्रभुको राज्य दिया
३१
वर्ण और वंशकी स्थापना
कुरुजांगल देश और उसकी
राजधानी हस्तिनापुर आदिका वर्णन
सोमराजा के पुत्र जयकुमार का वर्णन
आदि भगवान्का दीक्षा धारण श्रेयांस राजाके यहां आदि
प्रभुका आहारग्रहण
पर्व तीसरा
जयकुमार नृप नागनागीका चरित्र कहते हैं
अकम्पननृपकन्यासुलोचनाका वृत्त
सुलोचना जयकुमारको वरती है अनवद्यमति-मंत्रीके हितोपदेशकी
विफलता तथा जयकुमारसे अर्क - कीर्तिका पराजय अककीर्तिका अक्षमालाके साथ
विवाह चक्रवर्ती सभा में जयकुमारका
नम्र भाषण
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