________________
इस प्रकार का अच्छी तरह जानकार हो तथा आगम का भी जानकार हो ।।४२।। प्रश्न-- संसार के अन्दर मूर्ख कौन है ? उत्तर--जो अनेक प्रकार के शास्त्रों को जान कर भी अत्यन्त अहंकारी हो एवं सदा पापों का आचरण करनेवाला हो । प्रश्न--संसार में मनुष्यों को क्या कार्य शीघ्र करना चाहिए ? उत्तर--स्वर्ग एवं मोक्ष का साधन ।।४३।। प्रश्न--इस संसार में पथ्य-हितकारी पदार्थ क्या है ? उत्तर--तप, दान, व्रतों का पालन एवं सम्यग्दर्शन आदि का धारण । प्रश्न--संसार में सबसे बलवान पदार्थ क्या है ? उत्तर--उत्तम तप एवं दान आदि के द्वारा प्राप्त किया हुआ उत्कृष्ट धर्म । प्रश्न--संसार में कैसा वचन बोलना अच्छा माना जाता है ? उत्तर--हितकारी, सत्य, परिमित एवं शुभ । प्रश्न--संसार में जागनेवाला कौन है ? उत्तर-- जो महापुरुष सदा अपनी आत्मा के स्वरूप का चिन्तवन करनेवाला हो एवं मोह तथा निद्रा से रहित हो । प्रश्न--संसार में उत्तम कार्य क्या माना जाता है ? उत्तर--जो पुरुष अत्यन्त दुर्बल है, तप एवं दान करने में असमर्थ है, उनके द्वारा किया गया तप एवं दान । प्रश्न--संसार में सामान्य रूप से जीवों के बैरी कौन हैं ? उत्तर--क्रोध, मान, माया, लोभ--ये चारकषाय, निन्दित ध्यान तथा इन्द्रियों के विषय ।।४४-४६।। प्रश्न--संसार में वह पुरुष कौन है, जो मित्र हो ? उत्तर--जो धर्म का पालन करनेवाला, चरित्र का आचरण करनेवाला तथा पूजा आदि उत्तम कार्यों में सहायता करनेवाला हो । प्रश्न--शत्रु पुरुष कौन है ? उत्तर--जो धर्म करनेवाले को न तप का उपदेश देता है तथा न दान आदि देता है ।।४७।। प्रश्न--संसार में अमृत के समान पीने योग्य पदार्थ क्या है ? उत्तर-भगवान श्रीजिनेन्द्र का वचनरूपी अमृत । प्रश्न--संसार में सुखी पुरुष कौन है ? उत्तर--जो सन्तोष रखनेवाला है । प्रश्न--संसार में दुःखी पुरुष कौन है ? उत्तर--जो स्पर्शन आदि पाँचों इन्द्रियों के विषय में लम्पट है ।।४८|| प्रश्न--संसार में अत्यन्त धनवान पुरुष कौन माना जाता है । उत्तर--धन तो जिसके पास कम हो; परन्तु दान आदि उत्तम कार्यों को अधिकता से करनेवाला हो । प्रश्न--संसार में निर्धन पुरुष कौन है? उत्तर--जो अत्यन्त धनवान होने पर भी धन की आशा से परदेशों में घूमता-फिरता हो एवं दान आदि उत्तम कार्यों || ४९ में धन खर्च करनेवाला न हो ।।४६।। प्रश्न--संसार में सबसे उत्कृष्ट पुरुष कौन है ? उत्तर--जिनके गर्भ-जन्म आदि पाँचों कल्याणक हों । प्रश्न--इस संसार में ऐसा पुरुष कौन है, जिसके सेवक बड़े-बड़े देवेन्द्र भी होते हैं ? उत्तर--मेरे पुत्र के अर्थात् तीर्थंकर भगवान के देवेन्द्र आदि सेवक रहते हैं । वे अन्य किसी के सेवक नहीं हो सकते।।५०।।
84494
Jain Education international
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org