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________________ मेह मरर पुराण अंगरी कळंदु बोकु मम शिर पिनिय याकू। बैंकयत्तरिय वील्क वेषण नै कविनेद्रि। तोंगुवृत्तोळियुं तूंविर ट्रोलिने युरिक्क पन्नू । कोंगये कुरा मंगै कन्निन कुण्यप्पन्न ॥३३॥ अर्थ-चोर प्रयोग से दूसरे की संपत्ति को हरण करने वाले का शरीर प्रांगोपांग छेदा जाता है । उनको हाथी के पांवों द्वारा मरवा दिया जाता है । शूली पर चढ़ाया जाता है, जिस प्रकार मछली मांस के टुकड़े के लालच से कांटे में अपना गला फंसाकर प्रारण खो देती है उसी प्रकार चोर प्रयोग से चोरी के व्यसनों से चोर प्रयोग करने वाले जीव के प्रांगोपांग प्रादि प्रवयवों को काट देते हैं। इस प्रकार तीव्र वेदना उत्पन्न करने वाले दुःख उत्पन्न करने के लिए चोर प्रयोग ही कारण है ।।३३८।। विळंबेळु नरगत इक्कं वेरुखुरु विलक्कि लाक। मळिवत्ती कुलत्ति लुइक्क मद ना धगत्त ळाक ॥ मिळिवतं सुदृत्ताक पिच्चयु मिडामर काकम् । कळिद नोयुबै याकुं तायर करिय परणं ॥३३॥ अय-चोरी करने वाले जीव चोरी करके अनेक प्रकार के नरक में जा पड़ते हैं। अथवा अत्यंत भयंकर दुःख उत्पन्न करने वाले नरक में जन्म लेते हैं तथा महापाप करने से नीच कुल में जन्म लेते हैं अथवा समय पर खाने को मीन मिले ऐसे निंद्य पर्याय में जन्म लेते हैं या सभी प्रकार के रोग कुष्ट जलोदर मादि से पीडित होते हैं। चोरी करने से अगले भव में माता पिता से विरोध करने वाले होते हैं और माता पिता पुत्र के लिए विरोधी होते हैं। ॥३३॥ मारला कळवदागा विस्मैक्फ मोस्मयोक्क। तीवला माकु मेंड.तेर नवरौ सेप्पु ॥ मूति तानागियाय कळविनै पोदि पोला। नोबियाल प्रमच्चु नोंगा राल्बमुं किळयु नीत्तान् ॥३४०॥ पर्व-इस कारण चोरी करना, चोरी कराना अत्यंत निंदनीय है। यह चोरो इस व परभव में दुखदाता है। ऐसे पोरी का निंद काम करने से शिवभूति अपने मायाचार के कारण मत्री पद से व्युत हो गया, बंधु बांधवों की दृष्टि से गिर गया, उसकी अपकीति हो गई। अतःशानी लोग इस कार्य को निच समझकर त्याग देते हैं। मंदिर बरिर्व येल्लो मनबन मसत्तिबार। शिदिवाधियंदु मोक्का तेस्परिवेश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002717
Book TitleMeru Mandar Purana
Original Sutra AuthorVamanacharya
AuthorDeshbhushan Aacharya
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1992
Total Pages568
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size1 MB
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