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२. सचित्त'-प्रतिबद्ध का आहार किया हो, ३. अपक्व का आहार किया हो, ४. दुष्पक्व का आहार किया हो, ५. तुच्छ-औषधि का आहार किया हो,
जो मैंने दिवस-सम्बन्धी अतिचार किये हो, तस्स मिच्छा मि दुक्कडं ।
: १२ : पंचदश कर्मादान पञ्चदश-कर्मादान के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो, तो उसकी मैं आलोचना करता हूँ :इंगाल-कम्मे, वण-कम्मे, साड़ी-कम्मे भाडी-कम्मे, फोड़ी-कम्मे । दंत-वाणिज्जे, लक्ख-वाणिज्जे, रस-वाणिज्जे' केसवाणिज्जे, विस-वाणिज्जे। जंतपीलणिया-कम्मे, निल्लंच्छणिया-कम्मे, दवग्गिदावणिया-कम्मे, सर-दह-तालाव-सोसणिया-कम्मे, असइजण-पोसणिया-कम्मे ।
जो मैंने दिवस-सम्बन्धी अतिचार किए हों, तस्स मिच्छा मि दुक्कडं।
१. मचित्त-संयुक्त, २. बड़, पीपल आदि के असार फल अथवा जिनमें डालने योग्य भाग
अधिक हो, वे फल ।
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