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तुमः (तुम्) 6/1 एवम् (एवम्) 1/1 अण (अण) 1/1 अणहम् (अणहम्) 1/1 अणहिं (अणहिं) 1/1 च = और तुम् → तुं के स्थान पर एवं, अण, अणहं, अणहिं और (एप्पि, एप्पिणु, एवि, एविणु होते हैं) तुं (हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्यय) के स्थान पर एवं, अण, अणहं. अणहिं और एप्पि, एप्पिणु, एवि, एविणु होते हैं। (तुं) → एवं, अण, अणहं, अणहिं, एप्पि, एप्पिणु, एवि, एविणु (कर + एवं, अण, अणहं, अणहिं, एप्पि, एप्पिणु, एवि, एविणु)
करेवं, करण, करणह, करणहि. करेप्पि, करे प्पिणु,
करेवि, करेविणु (हेत्वर्थक कृदन्त) 58. गमेरेप्पिण्वेप्प्योरेलुंग वा 4/442 , गमेरे प्पिण्वेप्प्योरेलुंग वा (गमेः) + (एप्पिणु) + (एप्प्योः) + (ए:) + (लुक)+ .. (वा)} गमेः (गमि) 5/1 (एप्पिणु) – (एप्पि) 7/2 } ए: (ए) 6/1 लुक् (लुक्) 1/1 वा= विकल्प से गमि -→ गम्' धातु से परे एप्पिणु, एप्पि प्रत्यय होने पर विकल्प से (प्रत्ययों के आदि स्वर) ए का लोप होता है। गमि → गम् से परे एप्पिणु, एप्पि प्रत्यय होने पर विकल्प से इन प्रत्ययों के (आदि स्वर) ए का लोप हो जाता है। गम् + एप्पिणु = गम्पिणु, गमेप्पिणु
गम् + एप्पि = गम्पि, गमेप्पि (संबंधक कृदन्त) 1. गमि→गम् के लिए देखें, संस्कृत अंग्रेजी कोश, मोनियर विलियम, पृष्ठ-348।
प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ
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