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59. स्वरादनतो वा 4/240
स्वरादनतो वा (स्वरात्) + (अन्) + (अतः) + (वा)} स्वरात् (स्वर) 5/1 अन् (अ) = नहीं अतः (अत्) 5/1 वा- विकल्प से स्वर से परे (धातु के अन्त में) विकल्प से (अ, विकरण लगता है') अकारान्त से परे नहीं। अकारान्त को छोड़कर अन्य स्वरवाली (धातु) से परे अन्त में विकल्प से विकरण 'अ लगता है। जैसे- ठा → ठाइ या ठाअइ
झा → झाइ या झाअइ नोट - 1. पूर्व सूत्रानुसार (4/239) व्यञ्जनान्त धातुओं के अन्त में 'अ' विकरण लगता है।
प्रौढ प्राकृत-अपभ्रंश रचना सौरभ
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