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32. सोर्हिर्वा 3/174
सोहिर्वा (सोः) --- (हि:) वा सोः (सु) 6/1 हि: (हि) 1/1 वा = विकल्प रस सु (मध्यम पुरुष, एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर विकल्प से हि (भी) (होता है)। विधि, आज्ञा एवं आशीष अर्थ में 'सु' (मध्यम पुरुष, एकवचन के प्रत्यय के स्थान पर) विकल्प से 'हि' भी होता है। (हस+सु) = (हस + हि) = हसहि, हसेहि (विधि, मध्यम पुरुष, एकवचन)
(सूत्र 3/158 से अन्त्य 'अ' का 'ए' हुआ है) 33. अत इज्जस्विज्जहीज्जे --- लुको वा 3/175
अत इज्जस्विज्जहीज्जे – लुको वा (अतः) + (इज्जसु) + (इज्जहि) - (इज्जे) + (लुक:) + (वा)} अतः (अत्) 5/1 (इज्ज सु) - (इज्जहि) --- (इज्जे) -- (लुक) 1/3} वा = विकल्पसे (विधि आदि में) अकारान्त क्रियाओं से परे (म. पु. एकवचन के प्रत्यय सु के स्थान पर) विकल्प से इज्जसु, इज्जहि. इज़्जे व लोप ('०' प्रत्यय) (होते हैं)। विधि, आज्ञा एवं आशीष अर्थ में अकारान्त क्रियाओं से परे सु (मध्यम पुरुष, एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर विकल्प से इज्जसु, इज्जहि, इज्जे व लोप ('0' प्रत्यय) होते हैं। (हस + सु) = (हस + इज्जसु, इज्जहि, इज्जे, '0' प्रत्यय) = हरोज्जसु.
हसेज्जहि,
हसेज्जे, हस (विधि, मध्यम पुरुष, एकवचन)
प्रौढ प्राकृत--अपभ्रंश रचना सौरभ
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