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________________ (13) अन्य वैयाकररण सो अवसर - 1 - निवडश्राइ दोण्णि वि तिणसम गणइ | हिन्दी अनुवाद वह अवसर श्रा पड़ने पर दोनों (घन और जीवन ) को तिनके के समान गिनता है । हेमचन्द्र ( 14 ) अन्य वैयाकरण सायरगयहिं समिलहिं जयहु रंधु दुल्लह प्रत्थि । हिन्दी अनुवाद 258 हेमचन्द्र सो अवसर - निर्वाडिए दोणि वि तिणसम गरणइ । ( 15 ) अन्य वैयाकरण भवजलगयहं जीवहं मणुयत्तरिण सबंधु दुल्ल थि । हिन्दी अनुवाद संसार रूपी पानी में पड़े हुए जीवों के लिए मनुष्यत्व से सम्बन्ध दुर्लभ है । भवजलगयहं जीवहं मणुयत्तणें संबंधु दुल्ल थि । हेमचन्द्र 1 सागर में लुप्त समिला के लिए जुंबे का रंध्र दुर्लभ है । ( 16 ) अन्य वैयाकरण पसुधणधपणई खेत्तियइं परिमाण पवित्त करि । हिन्दी अनुवाद हेमचन्द्र Jain Education International सायरगाहे समिलाहे जूयहो रंधु दुल्लहु प्रत्थि । पशु, धन, धान्य (प्रोर) खेत में परिमारण से प्रवृत्ति कर । पसुधरणधण्णे खेत्ते परिमाणपवित्ति करि । हेमचन्द्र के दोहे - 7 For Private & Personal Use Only सावयधम्म - दोहा. 2 सावयधम्म - दोहा . 2 म- दोहा 4 सावयधम्म [ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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