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उदाहरणरगण
रगण SIIS IS SIIS IS सेसवलीलिया, कीलणसीलिया । रगण
रगण Iis SIS SI I SIS पडुणा दाविया, केण ण माविया ।
-महापुराण, 4.4.1 प्रर्थ-शैशव की क्रीड़ाशील जो लीलाएँ प्रभु ने दिखायीं वे किसे अच्छी नहीं
लगीं?
वरिणक छंद
____ 15. सोमराजी छंद लक्षण-इसमें चार चरण होते हैं (चतुष्पदी)। प्रत्येक चरण में 6 वर्ण व दो
यगण (155) होते हैं । उदाहरण
यगण यगण यगण यगण IS SISS IS SI SS रिणवो सोयभिण्णो, थिमो जा विसण्णो । 1 2 3 4 5 6 1 2 3 4 5 6
यगण यगण यगण यगण ISS i SS SS SS सुरो को वि घण्णो, हाम्रो पवण्णो । 1 2 3 4 5 6 1 2 3 4 56
-करकंडचरिउ 4.16 अर्थ-इस प्रकार शोक से विह्वल विषादयुक्त हुमा राजा जब वहां बैठा था,
तभी कोई एक पुण्यवान देव माकाश से वहां मा उतरा ।
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[ अपभ्रंश अभ्यास सौरभ
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