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ससेणु नय रहे
बाहि
निग्गउ
भय
कारणु
अदट्ठूरण
पुणु
पच्छा
श्रागउ
समाणु
नरिंदु
चितेइ
महो
मंगलियहो
सरूवु
मई
पच्चक्खु
दिट्ठ
तनो
एहो
हंतब्बो
एवं
चितेप्पि
अमंगलिय
( ससेण्ण) 1 / 1 वि
(नयर ) 5 / 1
अव्यय
( निरंग) भूकृ 1 / 1 अनि
(भय) 6 / 1
(कारण) 2 / 1
संकृ अनि
अव्यय
अव्यय
(आग) भूकृ 1 / 1 अनि
( सारण ) 1 / 1 वि
(afia) 1/1
( चिंत) व 3 / 1 सक
( इम) 6 / 1
सवि
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( मंगलिय ) 6 / 1 वि
( सरूव) 1 / 1
( अम्ह ) 3 / 1 स
( पच्चक्ख ) 1 / 1 वि
( दिट्ठ) भूकृ 1 / 1 अनि
अव्यय
( एत) 1 / 1 स
(हंतव्व) विधि 1 / 1 अमि
अव्यय
(चित) संकृ
( अमंगलिय ) 2 / 1
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
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= सेनासहित
नगर से
=बाहर
- निकला
= भय के
= कारण को
=न देखकर
फिर
= बाद में
श्रा गया
= अहंकारी
= राजा ने
= सोचता है ( सोचा )
=== इस
= मांगलिक का
==स्वरूप
= मेरे द्वारा
===प्रत्यक्ष
= देखा गया
= इसलिए
= यह
= मारा जाना चाहिए
== इस प्रकार
= विचारकर
= अमांगलिक को
=
[
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