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दिठु
जइयहुं राउ भोयणा उवविसइ कवलु
(दिट्ठ) भूकृ 1/1 अनि अव्यय (राय) i/1 (भोयण) 4/1 (उवविस) व 3/1 अक (कवल) 2/11 अव्यय (मुह) 7/1 (पक्खिव) व 3/1 सक अव्यय (अहिल) 7/1 वि (नयर) 7/1 अव्यय (परचक्क) 6/1
पक्खिवइ तइय हुं अहिलि नयरे
-देखा गया =ज्योंहि -राजा = भोजन के लिए ==बैठता है (बैठा) =ग्रास =और =मुंह में =रखता है (रखा) -त्योंहि =समस्त =नगर में =अकस्मात् =शत्रु के द्वारा
आक्रमण के =मय से = शोरगुल
प्रकम्हा
परचक्क
भये हलबोलु जाउ तावेहि नरव
=हुआ
तब
=राजा
(मय) 3/1 (हलबोल) 1/1 (जाप) भूकृ 1/1 अनि
अव्यय (नरवइ) 1/1 अव्यय (भोयण) 2/1 (चय) संकृ अव्यय (उट्ठ) संकृ
=भी
भोयणु चयेवि सहसा उठेविणु
:= भोजन को =छोड़कर = शीघ्र
-उठकर
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[ अपभ्रंश अभ्यास सौरम
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