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अभ्यास-40
(क) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए
1. दशरथ पुत्र राम अपने घर आते हैं। 2. तुम्हारे द्वारा जिनेन्द्र का अभिषेक किया जाना चाहिए । 3. वे दिव्य सुगन्धित जल देवियों के लिए भेजते हैं। 4. सुप्रभा के पास कंचुकी नहीं पहुंचा। 5. वह स्त्री मन में दुःखी हुई। 6. वह पुरानी चित्रित भित्ति की तरह स्थिर और निस्तेज थी। 7. सुप्रभा राजा दशरथ को नमस्कार करती है । 8. राजा को प्रणाम करके सुप्रभा के द्वारा कहा गया । 9. मेरी कथा से तुमको क्या लाभ है ? 10. वह राजा के लिए प्राणों से प्रिय है। 11. वह हाथ में लकड़ी रखता है । 12. वह प्रभु को देखकर खुश होता है। 13. उसके द्वारा स्वामी नहीं देखा गया। 14. उसकी वाणी लड़खड़ाती है । 15. सुप्रभा के द्वारा गन्धोदक शीघ्र नहीं पाया गया । 16. वह प्रणाम करता हमा बोला। 17. यौवन फीका पड़कर नष्ट होता है। 18. वह प्रांखों से पूर्ण अन्धा है । 19. उसका सिर कांपा। 20. उसके शरीर की कान्ति नष्ट हुई। 21. तुम्हारा यहां पर दूसरा जन्म ही हुआ है। 22. उसके शरीर में रक्त खत्म हो गया। 23. राजा कंचुकी के वचन सुनकर विचारता है । 24. दशरथ अत्यन्त विषाद को प्राप्त हुए। 25. सुख मधु के समान होता है । 26. दुःख मेरु पर्वत के समान लगता है। 27. तुम वह कर्म करो जिससे अजर अमर पद प्राप्त होता है। 28. पृथ्वी, धन, सिंहासन और छत्र सभी अस्थिर होते हैं । 29. पुत्र उपाजित धन को छीन लेते हैं । 30. उसके द्वारा वर मांगा गया । 31. छत्र, सिंहासन और पृथ्वी भरत के लिए दी गई । 32. माता पाते हुए उदास राम को देखती है। 33. आज तुम्हारा मुंह तेजहीन क्यों है ? 34. अपराजिता धरती पर रोती हुई गिर पड़ी।
उदाहरणदशरथ-पुत्र राम अपने घर पाते हैं दसरहहो पुत्त रहणन्दण णिय घरि आवहिं।
नोट-1. इस अभ्यास-40 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश काव्य सौरभ' के पाठ 1
का अध्ययन कीजए । 2. इस अभ्यास के संज्ञा शब्दों के लिंग कोश से ज्ञात कीजिए।
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. [ अपभ्रंश अभ्यास सौरम ..
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